बिहार के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने रविवार को ट्वीट कर जनता दल यूनाइटेड (JDU) पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि मां का स्थान रखने वाली पार्टी को महज एक कुर्सी के लिए दलित विरोधी जेडीयू के हाथ बेचने की साजिश की गई. सजिश सफल नहीं होगी. चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Pashupati Kumar Paras) के बीच विवाद के बाद चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर रोक लगा दी है.
चिराग ने लिखा, "चुनाव आयोग का आज का फैसला उनसे सवाल की तरह है जिन्होंने गरीबों की लड़ाई लड़ रही लोजपा की पहचान मिटाने की कोशिश की है. मां का स्थान रखने वाली पार्टी को महज एक कुर्सी के लिए दलित विरोधी जेडीयू के हाथ बेचने की साजिश की गई. साजिश सफल नहीं होगी लोजपा का ध्वज शान से लहराएगा."
उन्होंने ट्वीट में लिखा, "भयंकर कुचक्र के तहत लोजपा को खंडित करने की मुहिम जारी है. पिताजी के 5 दशकों के परिश्रम को बर्बाद करने में बिहार के सत्तालोलुपों का साथ अपनों ने भी दिया. पिताजी के संकल्पों को विराम देने की इस कोशिश को सफल नहीं होने देंगे साथियों और समर्थकों से वादा है' जीत लोजपा की ही होगी."
बिहार के नेता चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच विवाद के बाद चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर रोक लगा दी है. इस महीने बिहार की दो सीटों पर उपचुनाव से पहले आया है. 30 अक्टूबर को कुशेश्वर अस्थान और तारापुर में उपचुनाव होने हैं. चुनाव आयोग ने कहा है कि यह स्थिति तब तक बनी रहेगी जब तक की यह पता नहीं चल जाता है कि पार्टी के अधिकांश समर्थकों का समर्थन किसके पास है.
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