बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहली बार सात फरवरी को दिल्ली आ रहे हैं. इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात की संभावना है. अन्य बातों के अलावा इन नेताओं की मुलाक़ात में सीट बंटवारे को लेकर भी बातचीत होने की संभावना है. इस बीच चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास ने बिहार की 11 लोकसभा सीटों के लिए प्रभारियों का ऐलान किया है.
चिराग पासवान ने जिन सीटों के लिए प्रभारियों का ऐलान किया गया है, उनमें हाजीपुर, जमुई, खगड़िया, समस्तीपुर, वैशाली, बेगूसराय, नवादा, जहानाबाद, वाल्मीकिनगर, सीतामढ़ी और गोपालगंज शामिल है. इसका कारण पूछने पर पार्टी सूत्रों का कहना है कि ये सीटें उसकी प्राथमिकताओं में शामिल हैं और इनमें जो भी सीटें दी जाएंगी, उस पर वो लड़ने के लिए तैयार हैं.
2019 लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे में एकीकृत लोजपा को तब 6 सीटें दी गई थी और सभी पर पार्टी ने जीत हासिल की थी. बिहार में अभी तक एनडीए दलों के बीच सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है.
2019 में बिहार में एनडीए की तीन सहयोगी पार्टियां थीं - बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी. जेडीयू और बीजेपी को 17-17 सीटें जबकि एलजेपी को 6 सीटें मिली थीं. इस बार 6 पार्टियां हैं - बीजेपी, जेडीयू, लोजपा रामविलास (चिराग पासवान), राष्ट्रीय लोजपा (पशुपति पारस), हम सेकुलर (मांझी) और राष्ट्रीय लोक जनता दल (उपेंद्र कुशवाहा).
इससे पहले सोमवार को बिहार के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने संसद परिसर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की. बिहार में जेडीयू और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के कुछ दिन बाद ये मुलाकात हुई है.
ये पूछे जाने पर कि क्या बिहार मंत्रिमंडल के विस्तार पर कोई चर्चा हुई, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि इसके लिए हमारे पास सक्षम नेतृत्व है और उचित समय पर निर्णय लिये जायेंगे.
सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दोनों ने इस आरोप के लिए कांग्रेस की आलोचना की कि भाजपा बिहार में उसके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है.
नीतीश कुमार की अगुवाई में नवगठित राजग सरकार 12 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने की कोशिश करेगी. इसी दिन से राज्य विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत होगी.