- चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत के दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को आने वाले हैं. सीमा विवाद पर शांति चर्चा होनी है.
- ये दौरा भारत-चीन संबंधों को सुधारने और गलवान संघर्ष के बाद बढ़े तनाव को कम करने के प्रयासों का हिस्सा है.
- वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सीमा मुद्दे पर नए दौर की बातचीत के मिलेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन दौरे से पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी, सोमवार को भारत पहुंच रहे हैं. उनकी दो दिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच विवादित सीमा पर स्थाई शांति और स्थिरता के लिए नए विश्वास बहाली के उपायों पर चर्चा होने की उम्मीद है. मौजूदा जियो-पॉलिटिकल स्थितियों को देखते हुए उनकी ये यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है. खास तौर से भारत के NSA अजीत डोभाल संग उनकी होने वाली मुलाकात पर बहुतों की नजर है.
क्यों अहम है वांग का भारत दौरा?
वांग की यात्रा को दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों को फिर से ठीक करने के जारी प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है. गलवान में 2020 में घातक संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंध बेहद खराब हो गए थे. यह यात्रा इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से भारतीय आयात पर शुल्क लगाए जाने के कारण भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ने के बीच हो रही है.
चीनी विदेश मंत्री मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधि (एसआर) वार्ता के एक नए दौर के लिए भारत आ रहे हैं. वांग और डोभाल सीमा वार्ता के लिए नामित विशेष प्रतिनिधि हैं.
बता दें कि पिछले साल अजित डोभाल ने चीन का दौरा किया था और वांग यी के साथ सीमा मुद्दे पर बातचीत की थी. इस साल की शुरुआत में डोभाल, जयशंकर और रक्षा मंत्री भी SCO की बैठकों के लिए चीन गए थे. दोनों देशों के रिश्तों में सुधार के बीच इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा भी शुरू हुई है, जो हिंदू र्ध्मावलंबियों की एक महत्वपूर्ण तीर्थयात्रा है.
पीएम मोदी की चीन यात्रा की जमीन तैयार!
चीन के विदेश मंत्री विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे. ऐसा माना जा रहा है कि दोनों पक्ष इस अवसर का उपयोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 31 अगस्त और एक सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन यात्रा की जमीन तैयार करने के लिए भी करेंगे.
योजना के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी संभवत: 29 अगस्त को जापान की यात्रा पर जाएंगे और यात्रा समाप्त करने के बाद वह 31 अगस्त और एक सितंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन के लिए उत्तरी चीनी शहर तियानजिन जाएंगे.