चीन (China) ने 18 महीने बाद भारत के लिए राजदूत की नियुक्ति कर दी है. नए राजदूत शू फेइहोंग (Xu Feihong) दिल्ली पहुंच चुके हैं. उन्होंने भारत आने से पहले मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि, भारत में उनका मकसद सभी वर्गों से बात करके द्विपक्षीय रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश करना होगा.
भारत-चीन सीमा पर तनाव के सवाल पर शू फेइहोंग ने कहा कि एक मुद्दे के नजरिए से पूरे रिश्ते को नहीं देखना चाहिए. सन 2020 की घटना के बाद दोनों देश कूटनीतिक और मिलिटरी स्तर पर बात कर रहे हैं. चार जगहों पर सेना का डिसइंगेजमेंट हुआ है.
नए राजदूत का दावा है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति कंट्रोल में है और शांति है. उन्होंने कहा कि चीन भारत से बातचीत कर दोनों को मान्य समाधान निकालने को तैयार है.
भारत में चीन के राजदूत का पद करीब 18 महीने से खाली था, जो चार दशकों में सबसे लंबा अंतराल है. शू फेइहोंग ने सुन वेइदोंग की जगह ली है, जो भारत में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद अक्टूबर 2022 में रवाना हो गए थे. शू अफगानिस्तान और रोमानिया में चीन के राजदूत रह चुके हैं.
शू का भारत आगमन पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को हल करने के लिए बीजिंग और नई दिल्ली के बीच लंबी सैन्य व राजनयिक वार्ता के बीच हुआ है.
आपको याद दिला दें कि 2020 में भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे. चीन की सेना अब तक अप्रैल 2020 से पहले वाली पोजीशन में नहीं गई है. कई दौर की बातचीत कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर हुई है. दोनों देशों के रिश्तों पर बर्फ जमी है.