LAC पर चल रही तनातनी के बीच चीन के रक्षा मंत्री भारत के दौरे पर आ रहे हैं. उनका यह दौरा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक को लेकर हो रहा है. वह इसी बैठक में शामिल होने के लिए ही भारत आ रहे हैं. हालांकि, इस दौरान वह 27 अप्रैल को राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे. चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के करीबी सहयोगी माने जाने वाले जनरल ली की भारत यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस यात्रा को लेकर चीन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में भी जारी किया है. इस बयान में कहा गया है कि आमंत्रण पर चीनी स्टेट काउंसलर और रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफू 27-28 अप्रैल से नई दिल्ली में SCO के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की परिषद् की बैठक में भाग लेंगे.
चीन ने जारी किया बयान
बयान में कहा गया गया है कि बैठक के दौरान, जनरल ली सम्मेलन को संबोधित करेंगे और संबंधित देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों से भी मिलेंगे. जनरल ली के रक्षा मंत्री सिंह के साथ द्विपक्षीय बैठक करने और गतिरोध को हल करने के लिए सैन्य व कूटनीतिक वार्ता की प्रगति पर चर्चा भी करेंगे.
कमांडर स्तरीय बैठक रही थी सकारात्मक
जनरल ली के दौरे से पहले, चीनी रक्षा मंत्रालय ने 23 अप्रैल को चुशूल-मोल्दो सीमा स्थल पर आयोजित चीन-भारत कोर कमांडर स्तरीय बैठक के 18वें दौर के बारे में सकारात्मक बात की. चीन ने कहा है कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम करने के अलावा पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान को तेज करने पर सहमत हुए हैं. वहीं, रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि प्रासंगिक मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच मैत्रीपूर्ण और स्पष्ट विचारों का आदान-प्रदान हुआ.
कई अहम मुद्दों पर हो सकती है बात
दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में और दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठक की उपलब्धियों के आधार पर, दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने, चीन-भारत सीमा के पश्चिमी खंड पर प्रासंगिक मुद्दों के निपटारे में तेजी लाने, सीमाई इलाकों में अमन-चैन बनाए रखने पर सहमत हुए.
MEA ने भी जारी किया बयान
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को बीजिंग में मीडिया को बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने पर खास तौर पर बात की है. निंग ने कहा कि दोनों देशों के नेताओं की महत्वपूर्ण आम समझ के अनुसार, दोनों पक्षों ने प्रासंगिक मुद्दों के समाधान में तेजी लाने पर विचारों का गहन आदान-प्रदान किया. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर दोनों पक्षों ने स्पष्ट और गहन चर्चा की. दोनों पक्ष करीबी संपर्क में रहने और सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने और जल्द से जल्द शेष मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर सहमत हुए.
पिछले महीने की दो तारीख को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नई दिल्ली में जी-20 के एक सम्मेलन के मौके पर अपने चीनी समकक्ष छिन कांग के साथ बातचीत की थी. उस दौरान एस जयशंकर ने छिन को बताया था कि भारत-चीन संबंधों की स्थिति असामान्य है. रविवार की सैन्य वार्ता दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच अंतिम दौर की बातचीत के करीब चार महीने बाद हुई है.
सीमा विवाद: भारत और चीन के बीच बीजिंग में बातचीत