तेलंगाना में BJP जीती तो मुख्यमंत्री OBC से होगा: गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा दांव

अमित शाह ने तेलंगाना के लोगों से राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा, "मैं तेलंगाना के लोगों से कहना चाहता हूं क‍ि आप बीजेपी को आशीर्वाद दें. हमारी पार्टी की सरकार बनाएं."

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सूर्यापेट में आयोजित प्रजा गर्जना सभा में अमित शाह ने ये ऐलान किया.
सूर्यापेट:

तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव (Telangana Assembly Elections 2023) होने हैं. बीजेपी (BJP) के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने तेलंगाना में बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अगर तेलंगाना में बीजेपी चुनाव जीत जाती है, तो मुख्यमंत्री पिछड़ी जाति (OBC)से बनाया जाएगा. अमित शाह ने शुक्रवार को सूर्यापेट में हुई रैली में ये ऐलान किया.

सूर्यापेट में आयोजित प्रजा गर्जना सभा में अमित शाह ने कहा, "बीजेपी गरीबों की पार्टी है. कांग्रेस और बीआरएस दोनों पार्टियों की पारिवारिक पार्टियों के रूप में आलोचना की जाती है. केसीआर का लक्ष्य केटीआर को सीएम बनाना है.. और सोनिया गांधी के जीवन का लक्ष्य राहुल गांधी को पीएम बनाना है. इन दोनों दलों ने कहा है कि पिछड़ा वर्ग के कल्याण पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अगर बीजेपी जीतेगी, तो पिछड़ा वर्ग से मुख्यमंत्री बनाएंगे."

इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने तेलंगाना के लोगों से राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा, "मैं तेलंगाना के लोगों से कहना चाहता हूं क‍ि आप बीजेपी को आशीर्वाद दें. हमारी पार्टी की सरकार बनाएं. तेलंगाना में बीजेपी का अगला मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग से होगा. हमने यह तय किया है."

तेलंगाना समेत पांच राज्यों के चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले जाति एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है.
बिहार की नीतीश कुमार सरकार के 2 अक्टूबर को जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करने के बाद कई दलों ने भी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जातिगत सर्वे और गणना की वकालत की है. क्षेत्रीय दलों का मानना ​​है कि इससे उन्हें ही फायदा होगा.

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के मकसद से बने विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ने मुंबई में हुई तीसरी बैठक में देश में जातिगत जनगणना पर जोर दिया.

पत्रकार भारती मिश्रा नाथ ने जाति राजनीति पर अपने विश्लेषण में कहा कि जाति जनगणना की मांग यह साबित करने पर केंद्रित है कि ओबीसी आबादी 27 प्रतिशत आरक्षण सीमा से कहीं ज्यादा है. इसमें तत्काल सुधार किया जाना चाहिए.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुझाई गई 50 प्रतिशत की सीमा से आगे कोटा बढ़ाने का भी आह्वान किया जा रहा है.

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