"कोई केस बड़ा या छोटा नहीं होता बल्कि..."; चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का बयान

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हर दिन, उच्चतम न्यायालय के सामने सैकड़ों मामले होते हैं तथा न्यायाधीशों और रजिस्ट्री के कर्मचारी उनका त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.

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न्यायमूर्ति चंद्रचूड़़ ने कहा कि हर मामला महत्वपूर्ण.
नई दिल्ली:

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने न्याय तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किया है. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने साथ ही कहा कि अदालत के लिए कोई भी मामला बड़ा या छोटा नहीं होता है बल्कि हर मामला महत्वपूर्ण होता है. उन्होंने भारत के उच्चतम न्यायालय की 73वीं वर्षगांठ पर कहा कि हर दिन, उच्चतम न्यायालय के सामने सैकड़ों मामले होते हैं तथा न्यायाधीशों और रजिस्ट्री के कर्मचारी उनका त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़़ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पिछले तीन महीनों में 12,471 मामलों का निस्तारण किया. उन्होंने कहा, ‘‘अदालत के लिए, कोई मामला बड़ा या छोटा नहीं होता है - हर मामला महत्वपूर्ण होता है. उन्होंने कहा कि 23 मार्च, 2020 से 30 अक्टूबर, 2022 के बीच शीर्ष अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 3.37 लाख मामलों की सुनवाई की. उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपने वीडियो कॉन्फ्रेंस के बुनियादी ढांचे को अद्यतन किया है. हम सुनवाई के ‘हाइब्रिड मोड' के लिए तकनीकी बुनियादी ढांचे का उपयोग करना जारी रख रहे हैं, जो देश के किसी भी हिस्से से पक्षों को अदालती कार्यवाही में शामिल होने की सुविधा देता है.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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