दुर्लभ: चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ ने हिंदी में लिखा नोट, बताए पसंदीदा चार योगासन

चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ पिछले 26 सालों से योग कर रहे हैं. योगा दिवस पर उन्होंने कई खुसासे किए और योग का महत्व समझाया. सीजेआई ने योग से जिंदगी के 4 सबक भी बताए.

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में योग करने के बाद चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ ने योग से जिंदगी को मिलने वाले 4 सबक भी बताए. उन्होंने खुलासा किया कि तीन दिन पहले योगा करते समय वो सूर्य नमस्कार कर रहे थे और अचानक से उनकी पीठ में मोच आ गई. उन्होंने कहा कि इस घटना ने एक चीज समझाई है कि हमें हमेशा विनम्र रहना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री कर्मचारियों के साथ योग करने के बाद सीजेआई ने अपने 90 वर्षीय योग शिक्षक अनंत लिमये यानी लिमये काका का जिक्र किया. लिमये काका भारतीय स्टेट बैंक के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और अब पुणे में रहते हैं.

CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि 21 जून का दिन एक पर्व है, उत्सव है और ये व्यक्तिगत व सामाजिक स्तर पर प्रतिबद्धता प्रकट करता है.साथ ही ये आदर्श जीवन शैली अपनाने के लिए भी है. अच्छे स्वास्थ्य के लिए शारीरिक श्रम और व्यायाम को महत्व दिया जाता है और योग आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग भी है. CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि वो पिछले 26 साल से योग कर रहे हैं, जिनमें आलोम-विलोम, कपाल भाती, ताड़ासन, पवन मुक्तासन आदि हैं. एनडीटीवी ने मुख्य न्यायाधीश द्वारा हिंदी में लिखे गए एक नोट को देखा, जिसमें बताया गया है कि योग से हम कौन से मूल्य सीख सकते हैं. सीजेआई ने लिखा है कि योग हमें चार S सिखाता है. ये रहे वो 4S...  

- सिद्धांत -  शैली  
- समन्वय - सांस और शारीरिक प्रक्रिया के बीच 
- सद्भावना - पृथ्वी के प्रत्येक जीवित प्राणी के प्रति आदर 
- सशक्तिकरण - व्यक्तिगत, सामाजिक और राष्ट्र के रूप से एक भाव - एक जगत
 

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गौरतलब है कि CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए बताया था कि वो रोजाना सुबह 3.30 बजे उठते हैं और पिछले 26 साल से योगा कर रहे हैं.

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