छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पत्नी का पति के दफ्तर जाकर उसे गाली देने को क्रूरता कहा  

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कहा है कि पत्नी का पति के कार्यालय में बार-बार आना तथा अभद्र भाषा के साथ माहौल खराब करना क्रूरता की श्रेणी में आएगा. न्यायालय ने फैसले में कहा है कि इस तरह पत्नी की प्रताड़ना का शिकार पति तलाक लेने का हकदार है.

Advertisement
Read Time: 24 mins
बिलासपुर:

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक मामले में पत्नी द्वारा पति पर अन्य महिला से अनैतिक संबंध होने के आरोप लगाने और मंत्री से शिकायत कर उसका तबादला करने के अनुरोध को क्रूरता माना है. इसके साथ ही परिवार अदालत द्वारा तलाक को मंजूरी दिए जाने के खिलाफ पत्नी की अपील खारिज कर दी है. अधिवक्ता सी जयंत राव ने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की युगल पीठ ने पत्नी द्वारा अपने पति के विरूद्ध मंत्री से शिकायत और बिना किसी तथ्य के एक महिला सहकर्मी के साथ अनैतिक संबंध के आधार पर पति के स्थानांतरण का दावा करने को क्रूरता की श्रेणी में माना है.

अधिवक्ता राव ने बताया कि उच्च न्यायालय ने कहा है कि पत्नी का पति के कार्यालय में बार-बार आना तथा अभद्र भाषा के साथ माहौल खराब करना भी क्रूरता की श्रेणी में आएगा. न्यायालय ने फैसले में कहा है कि इस तरह पत्नी की प्रताड़ना का शिकार पति तलाक लेने का हकदार है.

उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी और न्यायमूर्ति राधाकिशन अग्रवाल की पीठ ने दिए गए तलाक के खिलाफ पत्नी की अपील को खारिज कर परिवार न्यायालय के फैसले को सही ठहराया है. अधिवक्ता राव ने बताया कि धमतरी जिले के कुरुद में पदस्थ एक सब-इंजीनियर ने वर्ष 2010 में रायपुर की एक विधवा महिला से शादी की थी. विवाह के बाद उनके घर में एक संतान ने भी जन्म लिया. समय गुजरने के साथ पति-पत्नी के रिश्तों में दरार आ गई.

Advertisement

उन्होंने बताया कि महिला ने पति पर माता-पिता से अलग रहने का दबाव बनाया, इस वजह से पति को अपने माता-पिता से अलग रहना पड़ा. अधिवक्ता ने बताया कि कुछ समय बाद महिला ने अपने अफसर पति पर सहकर्मी के साथ अनैतिक संबंध होने का आरोप लगाया और कई बार अपने पति के दफ्तर पहुंच कर हंगामा भी किया व सबके सामने अपने पति को बेइज्जत किया.

Advertisement

राव ने बताया कि महिला अपने पति को लगातार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करती रही. उसने अपने पति पर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की और उसका तबादला करने के लिए पत्र भी लिखा.

Advertisement

अधिवक्ता ने बताया कि बाद में पति ने तलाक के लिए परिवार न्यायालय में अर्जी दे दी. परिवार न्यायालय, रायपुर ने सभी तथ्यों को सुनने और साक्ष्यों के आधार पर 17 दिसंबर 2019 को तलाक का आदेश पारित कर दिया.

Advertisement

उन्होंने बताया कि परिवार न्यायालय में तलाक आवेदन मंजूर होने के आदेश को चुनौती देते हुए पत्नी ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. राव ने बताया कि पत्नी ने अपील में पति के साथ रहने की इच्छा जताई थी और दावा किया था कि पति ने उससे बिना कारण तलाक ले लिया है, जिसके चलते उसे और उसके बेटे को जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Delhi Rangpuri Case: दिल्ली में एक ही परिवार के 5 लोगों के शव मिलने का राज क्या है?
Topics mentioned in this article