छत्तीसगढ़: पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास पर ED की रेड

यह पहली बार नहीं है जब ईडी ने बघेल से जुड़े किसी मामले में छत्तीसगढ़ में तलाशी अभियान चलाया है. इससे पहले 2023 में जब राज्य में चुनाव होने वाले थे, तब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रायपुर और दुर्ग जिलों में बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और दो विशेष कार्य अधिकारियों (ओएसडी) के परिसरों पर तलाशी ली थी.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

ईडी की टीम भूपेश बघेल से अभी पूछताछ कर रही है.(फाइल फोटो)

रायपुर:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के बेटे एवं अन्य के परिसरों पर सोमवार को छापे मारे. जानकारी के अनुसार भिलाई में चैतन्य बघेल और राज्य में कुछ अन्य व्यक्तियों के परिसरों की धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तलाशी ली जा रही है.  टीमें चार इनोवा कारों में सवार होकर चैतन्य के भिलाई स्थित आवास पर पहुंचीं. रिपोर्टों के अनुसार, यह एक बड़े अभियान का हिस्सा हो सकता है, जिसमें केंद्रीय जांच एजेंसी ने राज्य भर में करीब 14 स्थानों पर छापेमारी की, इनमें से कुछ चैतन्य बघेल से जुड़े हैं. दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि ईडी की टीम कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप मामले में जांच करने आई है.

पूर्व सीएम के कार्यालय ने अपने एक्स हैंडल पर छापेमारी पर तुरंत प्रतिक्रिया दी है. पोस्ट में कहा, "सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ईडी के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है. अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है."

Advertisement

यह पहली बार नहीं है जब ईडी ने बघेल से जुड़े किसी मामले में छत्तीसगढ़ में तलाशी अभियान चलाया है. इससे पहले 2023 में जब राज्य में चुनाव होने वाले थे, तब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रायपुर और दुर्ग जिलों में बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और दो विशेष कार्य अधिकारियों (ओएसडी) के परिसरों पर तलाशी ली थी.

Advertisement

मामले में हुई है कई लोगों की गिरफ्तार

बता दें ईडी ने पूर्व में कहा था कि छत्तीसगढ़ शराब ‘घोटाले' के कारण राज्य के राजस्व को भारी नुकसान हुआ और अपराध से प्राप्त 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबों में गई. ईडी ने इस मामले में राज्य सरकार के नौकरशाहों और व्यापारियों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था.

Advertisement