नामीबिया से भारत लाए गए चीते, वन्य जीवन बचाने के मोदी सरकार के प्रयास ला रहे हैं रंग

भारत में 18 राज्यों के करीब 75 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 52 टाइगर रिजर्व, बाघों की दुनिया की 75 प्रतिशत आबादी भारत में

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भारत ने वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है.
नई दिल्ली:

नामीबिया से चीते (Cheetahs) भारत लाए गए हैं. इन चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा. वन्य जीवों (wildlife) को बचाने के मोदी सरकार (Modi government) के प्रयास रंग ला रहे हैं.सन 2014 में भारत में संरक्षित क्षेत्र का क्षेत्रफल भारत के कुल भूभाग का 4.9 प्रतिशत था. यह अब यह बढ़कर 5.03 प्रतिशत हो गया है. वन एवं वृक्ष का क्षेत्र पिछले चार वर्षों में 16 हजार वर्ग किलोमीटर बढ़ा है. भारत दुनिया के उन चंद देशों में से है जहां वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है.

देश में समुदायों के लिए आरक्षित क्षेत्रों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है. सन 2014 में 43 कम्युनिटी रिजर्व थे जो 2019 में 100 से भी अधिक हो गए. भारत में 18 राज्यों के करीब 75 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 52 टाइगर रिजर्व हैं. बाघों की दुनिया की 75 प्रतिशत आबादी भारत में है.

भारत ने बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य 2021 में ही प्राप्त कर लिया था जबकि इसे 2022 तक प्राप्त करना था. भारत में बाघों की संख्या 2014 में 2,226 से बढ़कर 2018 में 2,967 हो गई. बाघ संरक्षण के लिए बजट का आवंटन 2014 में 185 करोड़ रुपये था जो 2022 में 300 करोड़ रुपये कर दिया गया. 

भारत में एशियाई शेरों की संख्या में भी वृद्धि हुई. साल 2015 में शेरों की संख्या 523 थी जो 674 हो गई. इनकी संख्या में वृद्धि की यह दर 28.87 प्रतिशत है जो अभी तक की सर्वाधिक है.

भारत में 2020 में 12,852 तेंदुए थे जबकि 2014 में इनकी संख्या 7910 थी. अर्थात इनकी संख्या में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई.

भारत में 14 टाइगर रिजर्व को मिला CA/TS मानक

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