उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है. यात्रा में भारी भीड़ और प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने आज, 22 अप्रैल, टेबल टॉप मॉक एक्सरसाइज की. इस अभ्यास में 24 अप्रैल को होने वाली मॉक ड्रिल के साथ यात्रा से संबंधित विभाग और अधिकारियों की तैयारियों का जायजा लिया गया.
क्यों जरूरी है टेबल टॉप मॉक एक्सरसाइज
चारधाम यात्रा हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थों में से एक है. उत्तराखंड में चार धार्मिक स्थलों -- यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ -- की यात्रा चारधाम यात्रा में शामिल है. इसमें लाखों श्रद्धालु हर साल शामिल होते हैं. यात्रा से पहले सुरक्षा की तैयारियों का जायजा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को दुर्गम पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है. साथ ही यह भारत में मानसून के दौरान जारी रहती है, जिसमें तीर्थयात्रियों का दुर्घटना का शिकार होने का खतरा रहता है. इसी कारण अधिकारियों का यात्रा से जुड़ी तैयारियों को दुरुस्त रखना जरूरी होता है.
NDMA से लेकर ITBP ने लिया जायजा
इस अभ्यास में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), आर्मी, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISE), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), पुलिस समेत कई विभागों के अधिकारी इकट्ठा हुए.
इस बार मानसून ला सकता है ज्यादा बारिश
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सईद अता हसनैन ने बताया कि हर साल चारधाम यात्रा से जुड़ी तैयारी और संभावित आपदाओं को देखते हुए बैठक की जाती रही है. इस बार की बैठक में यात्रा से जुड़े तमाम विभागों से बातचीत की गई. इसके अलावा चारधाम यात्रा में क्या-क्या परेशानी और दिक्कतें आ सकती हैं, और उनसे कैसे निपटा जा सकता है इसके बारे में भी अधिकारियों से बातचीत की गई और हर विभाग चारधाम यात्रा में क्या काम कर रहा है उसके बारे में जानकारी ली गई."
उन्होंने बताया कि हम सब की कोशिश और मकसद यही है कि चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन हो सके. इसके अलावा हसनैन ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि इस बार मानसून सीजन में बारिश ज्यादा हो सकती है इसलिए हमें इस बार और सतर्क और पुख्ता तैयारी करनी होगी.
उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है चारधाम
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद सुमन ने बताया कि चारधाम यात्रा उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और यात्रा सुरक्षित हो और सुगम हो इसलिए NDMA के सहयोग से एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इसमें यात्रा के दौरान किस तरह की परेशानियां आ सकती हैं, किस तरह से हम उसको हैंडल कर सकते हैं, अब तक यात्रा से जुड़े हमारे क्या अनुभव रहे हैं, कहां पर हम सफल रहे हैं, कहां पर हम असफल हुए हैं, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यात्रा से जुड़े तमाम विभाग और अधिकारियों से बातचीत और मशवरे लिए गए.
बता दें कि 24 अप्रैल को सुबह नौ बजे से यात्रा से जुड़े तैयारी का जायजा लेने के लिए 15 जगह पर मॉक ड्रिल किया जाएगा देहरादून हरिद्वार ऋषिकेश उत्तरकाशी चमोली पौड़ी और रुद्रप्रयाग जिलों में यह मॉक ड्रिल का अभ्यास किया जाएगा, इसमें सेना, NDMA, SDRF, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, फायर सर्विस, ITBP, CISF, एयर फोर्स, सिविल एविएशन, बिजली विभाग, पेयजल विभाग, परिवहन विभाग, पीडब्ल्यूडी विभाग, स्वास्थ्य विभाग, बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति और यात्रा से जुड़े तमाम विभाग इस ड्रिल में शामिल होंगे.