चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की 5वीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी की

‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. इसके बाद छह और नौ अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया. 

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था.

चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली है. भारत का महत्वाकांक्षी तीसरा चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3' सोमवार को कक्षा में नीचे लाए जाने की एक और सफल प्रक्रिया से गुजरने के साथ ही चंद्रमा की सतह के और नजदीक पहुंच गया था. इस बारे में बेंगलुरु में स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया था कि चंद्रयान-3 अब चंद्रमा की ‘‘निकटवर्ती कक्षा'' में पहुंच गया है.

‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था. इसके बाद छह और नौ अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया.  इसरो के सूत्रों के अनुसार, अंतरिक्ष यान को 100 किमी की कक्षा तक पहुंचाने के लिए एक और प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा, जिसके बाद लैंडर और रोवर से युक्त ‘लैंडिंग मॉड्यूल' आगे की प्रक्रिया के तहत ‘प्रॅपल्शन मॉड्यूल' से अलग हो जाएगा.

इसके बाद, लैंडर के ‘डीबूस्ट' (धीमे होने की प्रक्रिया) से गुजरने और 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' करने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें : बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक आज, 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों की रणनीति पर होगी चर्चा

ये भी पढ़ें : गुरुग्राम : सोसायटी की लिफ्ट में पालतू कुत्ते ने महिला और 6 महीने के बेटे पर किया हमला

Featured Video Of The Day
Mary Kom ने Child Marriage समाप्त करने के लिए जागरूकता और कार्रवाई का आह्वान किया
Topics mentioned in this article