VIDEO: इसरो ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग कराई

इसरो ने बताया कि कमांड मिलने पर ‘विक्रम’ ने इंजनों को ‘फायर’ किया, अनुमान के मुताबिक, करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया.

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नई दिल्‍ली:

चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के कुछ दिनों बाद, विक्रम लैंडर फिर से चंद्रमा की सतह पर 'सॉफ्ट-लैंडिंग' कर चुका है. इसरो ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम' लैंडर की एक बार फिर सॉफ्ट लैंडिंग कराई. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा, "विक्रम लैंडर ने चंद्रयान-3 मिशन के उद्देश्यों से ज्‍यादा काम किया है और 'हॉप एक्‍सपेरिमेंट' सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है."

इसरो ने कहा, "कमांड मिलने पर ‘विक्रम' ने इंजनों को ‘फायर' किया, अनुमान के मुताबिक, करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया."

इसरो ने चंद्रमा पर एक बार फिर ‘विक्रम' लैंडर की सॉफ्टलैंडिंग पर कहा कि इस प्रक्रिया से भविष्य में ‘सैंपल' वापसी और चंद्रमा पर मानव अभियान को लेकर आशाएं बढ़ीं.  

इससे पहले इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 के रोवर 'प्रज्ञान' ने चंद्रमा की सतह पर अपना काम पूरा कर लिया है और अब यह निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में चला गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को यह जानकारी दी. इससे कुछ घंटे पहले, इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘निष्क्रिय' किया जाएगा.

इसरो ने एक पोस्ट में कहा, "रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया है. इसे अब सुरक्षित रूप से 'पार्क' (खड़ा) किया गया है और निष्क्रिय (स्लीप मोड) अवस्था में सेट किया गया है. एपीएक्सएस और एलआईबीएस 'पेलोड' बंद हैं. इन पेलोड से आंकड़े लैंडर के माध्यम से पृथ्वी पर प्रेषित किए जाते हैं."

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अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि वर्तमान में रोवर की बैटरी पूरी तरह से चार्ज है और उसका सौर पैनल 22 सितंबर, 2023 को चंद्रमा पर अपेक्षित अगले सूर्योदय पर प्रकाश प्राप्त करने के लिए उन्मुख है.

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