असम के उत्तरी क्षेत्र के एक गांव में लोगों ने टकटकी लगाकर ‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण देखा क्योंकि देश के इस तीसरे चंद्रमा मिशन की कमान जिन लोगों के हाथों में है, उनमें राज्य का एक बेटा भी शामिल है. बहुप्रतीक्षित मिशन के प्रक्षेपण नियंत्रण संचालन की देखरेख कर रहे उप परियोजना निदेशक चयन दत्ता के माता-पिता उत्तरी लखीमपुर में अपनी छोटी सी दुकान में कुछ मित्रों और ग्राहकों के साथ प्रक्षेपण के गवाह बने.
चयन के पिता रंजीत दत्ता ने ग्राहकों को सामान देते और बधाई संदेश लेते हुए कहा, “सभी के आशीर्वाद से हमारा बेटा यहां तक पहुंचा है. हम भविष्य में ऐसी और सफलताओं के लिए उनकी शुभकामनाएं चाहते हैं.”
दत्ता लगभग 70 साल के हैं और कस्बे में अपनी छोटी सी दुकान में बर्तन बेचते हैं. उन्होंने अपनी पत्नी और कुछ अन्य लोगों के साथ मोबाइल फोन पर प्रक्षेपण देखने के बाद कहा, “हम साधारण पृष्ठभूमि के लोग हैं. मुझे खुशी है कि मेरे कुछ दोस्त हमारे साथ इस पल के गवाह बने.”
ग्राहकों ने इस मिशन में बेटे के शामिल होने के लिए दत्ता को बधाई दी. मिशन सफलतापूर्वक शुरू होने पर चयन की मां भावुक होने से खुद को नहीं रोक सकीं. जब उनसे उनके बेटे की सफलता पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक आए और उन्होंने केवल मुस्कुराकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
बेंगलुरु में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहने वाले चयन इस साल जनवरी में घर आए थे और जब आखिरी बार फोन पर बात हुई थी तो उन्होंने अपने माता-पिता से मिशन के लिए आशीर्वाद मांगा था. दत्ता ने कहा, 'वह हाल ही में काम में व्यस्त थे और हम ज्यादा बात नहीं कर सके. लेकिन हमारा आशीर्वाद हमेशा उनके साथ है.'
चयन दत्ता तेजपुर विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व छात्र हैं. वह फिलहाल अंतरिक्ष विभाग के यूआर राव उपग्रह केंद्र में वैज्ञानिक/इंजीनियर-जी के रूप में काम कर रहे हैं, और चंद्रयान 3 में उप परियोजना निदेशक हैं.
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