- उत्तर प्रदेश के बरेली में एक इंटर कॉलेज शिक्षक की कांवड़ यात्रा पर गाई गई कविता को धार्मिक भावना आहत करने वाला बताया गया और उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई।
- भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि शिक्षक ने मानवतावादी दृष्टिकोण से कविता की थी, लेकिन सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
- चंद्रशेखर आजाद ने कांवड़ यात्रा के दौरान हो रहे हिंसक घटनाओं और धार्मिक आड़ में हुड़दंग करने वालों की कड़ी निंदा की।
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक इंटर कॉलेज के शिक्षक की कांवड़ यात्रा पर गाई गई कविता पर हंगामा खड़ा हो गया है. इस कविता को हिंदुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला बताया गया, जिसके बाद शिक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई और पुलिस ने कार्रवाई की. भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने उत्तर प्रदेश में कावड़ यात्रा के दौरान कविता पाठ करने वाले शिक्षक के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
विज्ञानवादी सोच डेवलप करें : चंद्रशेखर आजाद
नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि हम लोग तो संविधान मानने वाले लोग हैं. संविधान का जो मौलिक कर्तव्य है, आर्टिकल 51 ए. उसमें हर एक आदमी को बताया गया है कि वह विज्ञान वादी सोच डेवलप करें. अंधविश्वास और पाखंडवाद से लोगों को निकाले. अध्यापक का कविता हमने सुना. उन्होंने मानवतावादी बनने की लोगों से अपील की थी. वह भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े हुए हैं. लेकिन उन्होंने मानवता की बात की है तो सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि कावड़ में जिस तरह का हुड़दंग चल रहा है, कांवड़ियों को बदनाम कर रहे हैं. जिनको खुली छूट दे दी गई है, वह हिंदू हो या मुसलमान उनको गाड़ियां तोड़नी है. महिलाओं और बच्चों में आतंक का माहौल बना दिया है.
'हुड़दंग करने की छूट कैसे मिल सकती?'
नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि किसी को हुड़दंग करने की छूट कैसे मिल सकती है. कोई भी किसी पार्टी या किसी धर्म का हो, क्या कोई धर्म की आड़ में कोई कृत्य कर दे. उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. गाड़ी कैसे आती है, कोई लोन लेकर खरीदना है और वह अपनी जिंदगीभर की पूंजी लगाता है. क्या कावड़ यात्रा के दौरान कोई भी आदमी अपने परिवार से निकलकर किसी दूसरे जगह नहीं जाएगा. लोगों के दुकान बंद कर दी गई है और व्यापार चौपट हो गया है. कहीं चाय की तो कहीं फल की मुसलमान को तो खास तौर पर टारगेट किया गया है.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एक धार्मिक किताब को स्कूल में पढ़ने का आदेश दे दिए हैं. भारतीय संविधान के खिलाफ जाकर सरकार क्यों काम कर रही है. क्या यह सिर्फ धर्म और वोट के पॉलिटिक्स के लिए किया जा रहा है. इससे देश आगे बढ़ जाएगा.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि टीचर ने क्या कहा था, उसने यही कहा की कावड़ उठाने से आप डॉक्टर इंजीनियर नहीं बन सकते. क्या गलत है इसमें.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि यह देश की धर्मनिरपेक्षता और अखंडता पर चोट है. कई बार सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय ने सरकार को इस पर फटकार लगाई है. लेकिन सरकार है कि बाज नहीं आना चाहती है. इसका शिकार कोई भी हो सकता है. इतनी खुली छूट देना की पूरी गाड़ी को तोड़ देना. इसका हर्जाना कौन भरेगा.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि कांवड़ के त्यौहार आज से नहीं है. लेकिन यह सब इसी सरकार के दौरान क्यों हो रहा है. आपने क्या इंतजाम किए है. लोग आज डरे हुए हैं. एक जिले से दूसरे जिले में जाने को तैयार नहीं है. अगर गलती से कहीं टच हो गया तो उनके साथ जानवरों जैसा व्यवहार होगा. इसका जवाब मुख्यमंत्री और डीजीपी को देना चाहिए.