Chandrashekhar Azad on Caste Census: केंद्र सरकार ने बुधवार को देश में जातिगत जनगणना करवाने की घोषणा की है. देश की आजादी के बाद पहली बार सरकार नागरिकों से उनकी जाति पूछेगी. देश में जातिगत जनगणना की मांग लंबे समय से की जा रही थी. केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना करवाने की घोषणा किए जाने के बाद गुरुवार को आजाद समाज पार्टी के मुखिया और नगीना सांसद चंद्रशेखर ने NDTV से खास बातचीत की. इस बातचीत में चंद्रशेखर ने कहा कि जातिगत जनगणना की हमने लगातार मांग की थी. दिल्ली में इसे लेकर बड़ा आंदोलन भी किया. सरकार इसे करा देगी तो सरकार का बहुत धन्यवाद करूंगा.
'देश की मांग पहलगाम को लेकर थी, अचानक इसकी घोषणा शक पैदा करती है'
हालांकि चंद्रशेखर ने जातिगत जनगणना की घोषणा की टाइमिंग को लेकर कुछ शंकाएं भी जाहिर की. उन्होंने कहा कि देश की मांग पहलगाम को लेकर थी. लेकिन अचानक इसे लेकर आना एक शक पैदा करता है. इसे एक बड़े फैसले के तौर पर भी नहीं देखा जा सकता है.
घोषणा करना और लागू करने में फर्कः चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने यह भी आगे कहा कि घोषणा करना और इसे लागू करना, इसमें फर्क है. अभी तक ये भी नहीं बताया गया है कि इसमें किन-किन चीजों को रखा जाएगा? क्या उसमें आर्थिक आंकड़ें आएंगे या नहीं आएंगे? क्या 2011 जैसा ये खेल होगा? सरकार तो बहुत सारी घोषणाएं करती हैं, लेकिन धरातल पर सच का पता चलता है.
सरकार से डेडलाइन तय करने की मांगः चंद्रशेखर
जातिगत जनगणना की जरूरत पर चंद्रशेखर ने कहा कि इससे लोगों को पता चलेगा कि किसको कितना मिला है? सारा सच सामने आएगा. सरकार से मांग करता हूं कि वो इसकी डेडलाइन तय कर दे. जब किसी चीज की कमी नहीं है तो सरकार इसकी डेडलाइन तय कर दे.
RSS ने विरोध किया, 5-7 साल पहले कांग्रेस भी इस मुद्दें से रही दूरः चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि आरएसएस ने हमेशा इसका विरोध किया. लेकिन अब सरकार ने इसे कराने का फैसला कर लिया है. तो यह सवाल उठता है कि क्या आरएसएस के विरोध में जाकर बीजेपी फैसला ले सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि 5-7 साल पहले तक कांग्रेस का भी ये मुद्दा नहीं था.
विरोध करते-करते समर्थन, चुनावी दांव की ओर करता है इशारा
जातिगत जनगणना की घोषणा पर शंका जताते हुए चंद्रशेखर ने जिसका आपने हमेशा विरोध किया उसका अचानक समर्थन करना, चुनावी दांव की तरफ इशारा करता है. बिहार में कुछ महीने बाद चुनाव होना है. बिहार के लिए जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है.यहां से हिंसा की बहुत खबरें देखने को मिली.
जातिगत गणना से किसी को कोई नुकसान नहीं
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि जातिगत जनगणना से विकास को नई दिशा मिलेगी. लोगों को जानकारी मिलेगी कि सरकार जो वादें करती हैं उसका सच सामने आएगा. इससे किसी को कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने यह भी सवाल उठाए कि आरक्षण का लाभ कहां मिल रहा है?
अगर नहीं होंगे तो हमारे लिए बोलेगा कौनः चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने आगे कहा कि अगर हम नहीं होंगे तो हमारे लिए कौन बोलेगा? जब तक जाति का कोई प्रतिनिधि नहीं होगा तब तक उनकी बात भी नहीं होगी. सच सामने आने से इसके विरोधी डरते हैं. इससे हर वर्ग को फायदा होगा. झूठ के नेरेटिक की भी कलई खुलेगा.
हमारी संख्या कितनी है? हमें मिल क्या रहा है? सच आएगा सामने
चंद्रशेखर ने यह भी कहा कि जातिगत जनगणना से यह भी पता चलेगी कि किसकी कितनी तादाद है? किसको कितना फायदा मिलेगा? गणना होगी तो गांव में बैठे हर आदमी को पता लगेगा कि हमारी संख्या कितनी है और हमें मिल क्या रहा है? सामाजिक न्याय कैसे होगा जब आपके पास आंकड़े ही नहीं होंगे.
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