ज्ञान अलग, संवाद अलग,10 भाषाओं को बढ़ावा दूंगा... तीन भाषा विवाद पर बोले आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू

चंद्रबाबू नायडू का बयान ऐसे समय में आया है जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र पर हिंदी थोपकर भाषा युद्ध का बीज बोने का आरोप लगाया है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भाषा को लेकर जारी विवादों के बीच कहा है कि भाषा केवल संवाद का माध्यम है. तेलुगु, कन्नड़, तमिल जैसी भाषाएं वैश्विक स्तर पर चमक रही हैं. ज्ञान और भाषा अलग-अलग हैं.  मैं हर विश्वविद्यालय में दस भाषाओं को बढ़ावा दूंगा, जिसमें अंतरराष्ट्रीय भाषाएं भी शामिल होंगी.  उन्होंने आगे कहा कि छात्रों को इन भाषाओं को सीखने से रोजगार के अवसर मिलेंगे.  नायडू ने तेलुगु को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई, साथ ही अंग्रेजी को आजीविका के लिए जरूरी और हिंदी को लोगों से जुड़ने के लिए उपयोगी बताया. 

चंद्रबाबू नायडू का बयान ऐसे समय में आया है जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने केंद्र पर हिंदी थोपकर भाषा युद्ध का बीज बोने का आरोप लगाया है. स्टालिन ने कहा था कि मातृभाषा की रक्षा करना DMK के खून में है. 

स्टालिन ने कहा कि 1965 से ही डीएमके का अनेकों बलिदान के जरिए  हिंदी से मातृभाषा तमिल की रक्षा करने का इतिहास रहा है. 1971 में कोयंबटूर में डीएमके की छात्र इकाई के हिंदी विरोधी सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि वह बलिदान देने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मातृभाषा की रक्षा करना पार्टी के सदस्यों के खून में समाया हुआ है. यह भावना उनके जीवन के अंत तक कम नहीं होगी.

ये भी पढ़ें-:

भाषा के नाम पर क्यों भिड़े हैं तमिलनाडु और केंद्र सरकार, कितना पुराना है हिंदी विरोधी आंदोलन

Featured Video Of The Day
Operation Sindoor पर Rahul Gandhi ने कहा- 'पाकिस्तान के खिलाफ सरकार ने सेना के हाथ बांध दिए'
Topics mentioned in this article