- चैतन्यानंद ने लगभग बीस वर्षों से अपने रूप-रंग और भेष को बदलकर लोगों को छलने का काम किया है.
- उन्होंने सफेद, लाल और भगवा चोले पहनकर अलग-अलग नाम और पद अपनाए और अश्लील हरकतों को अंजाम दिया.
- बाबा ने अपने नाम में भी बदलाव किया और खुद को विभिन्न संस्थानों का सदस्य और लेखक बताकर विश्वास हासिल किया.
विवादों में घिरे चैतन्यानंद पर एक के बाद एक कई बड़े खुलासे हुए हैं. चैतन्यानंद को 'इच्छाधारी बाबा' या 'मेकओवर बाबा' कहा गया है, मौसम से भी जल्दी अपना रूप-रंग, भेष और ठिकाना बदल लेता था, पर उसके गुनाहों का तरीका वही रहा. 'ऑपरेशन इच्छाधारी' में बाबा के काले राज खुले हैं, जिससे पता चलता है कि यह अश्लील हरकतों का आरोपी एक बहुत बड़ा बहुरूपिया है.
NDTV की पड़ताल में सामने आया है कि इस स्वामी ने लाल, सफेद और भगवा तीन तरह के चोले बदले. बाबा ने बहरूपिया बनने की नींव लगभग 20 साल पहले (2005) रखी थी, जब वह सफेद कपड़े पहनकर खुद को साधु-सन्यासी चैतन्यानंद बताता था. NDTV को मिली 20 साल पुरानी तस्वीरों से पता चलता है कि वह सफेद चोले में लोगों को छलने के लिए पहुंचा हुआ साधक होने का दावा करता था.
भेष बदला, नाम भी बदला, फिर अश्लील कारनामे
बाबा के बहुरूपिया होने के पुख्ता सबूत मिले हैं. जब वह ओडिशा से श्रृंगेरी आश्रम, दिल्ली आया, तब भी सफेद चोले में था. लेकिन माहौल देखकर उसने न सिर्फ भेष बदला, बल्कि नाम भी बदला, जिसके बाद उसके अश्लील कारनामे शुरू हो गए. भगवा चोला ओढ़कर, माथे पर त्रिपुंड लगाकर वह आलीशान कमरों में साधक बनकर बैठता और उस पर आश्रम के कॉलेज हॉस्टल की छात्राओं से छेड़छाड़ और शारीरिक/मानसिक शोषण के संगीन आरोप लगे. इससे पहले, सफेद चोला पहनकर ही बाबा ने रामकृष्ण मिशन ज्वाइन किया था, लेकिन वहां भी अकाउंट में हेराफेरी के चलते उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
भेष नहीं, बल्कि नाम और पद बदलने में भी माहिर
बाबा सिर्फ भेष नहीं, बल्कि नाम और पद बदलने में भी माहिर था. 2003 में उसने एक एफिडेविट के जरिए अपना नाम पार्थसारथी रुद्र से बदलकर बीआर पार्थसारथी रथा रख लिया. 2004 में, जब वह टिहरी में था, उसने एक और एफिडेविट बनाया जिसमें खुद को किसी राहुल खान का चचेरा भाई बताया और उस पर सफेद चोले वाली फोटो लगाई.
22 किताबें और 122 रिसर्च आर्टिकल... बहरूपिया बाबा का बड़ा दावा
इतना ही नहीं, यह बहरूपिया खुद को ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन का मेंबर और ओंकारानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में लेक्चरर भी बताता था. वह लोगों से यह दावा भी करता था कि उसने 22 किताबें और 122 रिसर्च आर्टिकल लिखे हैं. फर्जीवाड़े को लेकर 2014 में ओडिशा पुलिस ने भी बाबा को नोटिस जारी किया था. आखिरकार, कानून के लंबे हाथों ने इस अपराधी को पकड़ लिया है, और वह वर्तमान में 17 लड़कियों के यौन शोषण के इल्जाम में तिहाड़ जेल में बंद है. NDTV इंडिया ने सबसे पहले बाबा चैतन्यानंद के काले कारनामों का खुलासा किया है.
चैतन्यानंद के दुबई में भी संबंध
पुलिस की जांच में पता चला है कि चैतन्यानंद के दुबई में भी संबंध हैं. लोग वहां से अक्सर आश्रम में आते थे. आश्रम में रहने वाली हर छात्रा को इंटर्नशिप या फिर नौकरी के लिए दुबई भेजने का सपना दिखाया जाता था. बाबा लड़कियों को खास तवज्जो देता था. उनको अपने झांसे में लेने के लिए संस्थान में विशेष अधिकार देता था. इस काम में उसकी तीन करीबी महिलाएं साथ देती थीं. ये तीनों उसकी राजदार थीं और लड़कियों को बाबा के करीब लाने और गंदे काम करने के लिए तैयार करती थीं.