सीजीएचएस लाभार्थी तीन प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में ‘कैशलेस’ उपचार करा सकेंगे

यह पहल 20 मई को सीजीएचएस और भोपाल, भुवनेश्वर, पटना, जोधपुर, रायपुर और ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों के बीच हुए छह समझौता ज्ञापनों पर आधारित है.

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)

राष्ट्रीय राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), चंडीगढ़ के स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) और पुडुचेरी स्थित जवाहरलाल स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान (जेआईपीएमईआर) में केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के सेवारत और पेंशनभोगी लाभार्थियों को नकदी-रहित (कैशलेस) उपचार-सुविधाएं उपलब्ध होगी.

इस बाबत एम्स, पीजीआईएमईआर और जेआईपीएमआईआर तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाली केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना के बीच मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की उपस्थिति में यहां एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए. यह पहल 20 मई को सीजीएचएस और भोपाल, भुवनेश्वर, पटना, जोधपुर, रायपुर और ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों के बीच हुए छह समझौता ज्ञापनों पर आधारित है.

भूषण ने कहा कि दिल्ली स्थित एम्स, चंडीगढ़ स्थित पीजीआईएमईआर और पुडुचेरी स्थित जेआईपीएमईआर में सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए कैशलेस रोगी देखभाल सुविधाओं का विस्तार सीजीएचएस के पेंशनभोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें अब व्यक्तिगत प्रतिपूर्ति दावे प्रस्तुत करने और मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी.

भूषण ने कहा कि सीचीएचएस पेंशनभोगी लाभार्थियों को इन संस्थानों में इलाज कराने के लिए पहले खुद भुगतान करना पड़ता था और बाद में सीजीएचएस में प्रतिपूर्ति दावा पेश करना होता था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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