जोशीमठ को लेकर केंद्र का बड़ा फैसला, रिकवरी और पुनर्निर्माण के लिए 1658.17 करोड़ रुपये मंजूर

समिति ने जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपये की रिकवरी और पुनर्निर्माण (R&R) योजना को मंजूरी दी है. 

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धंसते जोशीमठ पर केंद्र का बड़ा फैसला

नई दिल्ली: धंसते जोशीमठ को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में समिति ने जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपये की रिकवरी और पुनर्निर्माण योजना (R&R) को मंजूरी दी है. अगले 3 साल में यह रिकवरी प्लान लागू होगा.

इस आर एंड आर योजना के तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) की रिकवरी और पुनर्निर्माण विंडो से 1079.96 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार राहत सहायता के लिए अपने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) से 126.41 करोड़ रुपये प्रदान करेगी और अपने राज्य के बजट से 451.80 करोड़ रुपये प्रदान करेगी, जिसमें पुनर्वास के लिए भूमि अधिग्रहण लागत 91.82 करोड़ रुपये भी शामिल है. यह जानकारी गृह मंत्रालय की ओर से दी गई है.

लगातार जमीन धंसने की घटनाओं के मद्देनजर जोशीमठ को 'sinking zone (धंसता क्षेत्र)' घोषित किया गया है. 4000 से ज्‍यादा लोगों को यहां से सुरक्षित क्षेत्रों में भेजा गया है. कई जगह धरती में और इमारतों में दरारें पड़ने लगीं और धीरे-धीरे दरारें चौड़ी होने लगीं और करीब 23,000 लोगों की आबादी वाले शहर के निवासियों के लिए यह घटना भयावह सपने के तौर पर सामने आई थी.

बता दें कि जोशीमठ के नदियों से घिरे होने के कारण यहां जमीन के नीचे और ऊपर पानी का बहाव झरने की तरह लगातार होता रहता है. इससे तल पर नमी हमेशा बनी रहती है. जोशीमठ जहां स्थित है. उस इलाके में जमीन के भीतर की चट्टानें कमजोर हैं, जो नमी के प्रभाव से धंस रही है.

जोशीमठ के ऊपर के इलाके में काफी बर्फबारी और तेज बारिश होती है. मौसम बदलता है और बर्फ पिघलती है, तब जोशीमठ के चारों ओर नदियों में पानी का बहाव तेज हो जाता है. सतह के कमजोर होने और भूस्खलन का यह भी एक बड़ा कारण है. जोशीमठ के अधिकतर क्षेत्रों में तापमान और हवा की वजह से तेजी से आकार बदलती नीस चट्‌टानें हैं. यह क्षेत्र में धंसान की एक वजह है. 

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