केंद्र ने राज्यों को लिखा, कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज़ 4 से 8 हफ्ते के बीच दी जाए

नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप और नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के सुझाव के बाद राज्यों को यह चिट्ठी लिखी गई है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
कोविशील्ड को लेकर केंद्र से राज्यों को लिखी चिट्ठी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

भारत में फिर से कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले बढ़ने के बीच केंद्र सरकार ने कोविशील्ड (Covishield) को लेकर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखी है. केंद्र ने कहा कि कोविशील्ड की पहली डोज के बाद दूसरी खुराक 4-8 हफ्ते के बीच दी जाए. पहले यह अंतराल 4-6 हफ्ते था. मतलब, राज्य अपने हिसाब से 4 से 8 हफ्ते के बीच कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज दे सकते हैं. हालांकि, पत्र में यह कहा गया है कि सेकंड डोज 6 से 8 हफ्ते के बीच देना ज्यादा प्रभावी है. 

सरकार का कहना है कि कोविशील्ड कोरोनावायरस महामारी से लड़ने में ज्यादा प्रभावी है. देश में कोरोना वैक्सीनेशन  अभियान (Corona Vaccination Drive) का दूसरा चरण चल रहा है. इस चरण में 60 साल से ऊपर और गंभीर बीमारी से ग्रसित 45 साल के ऊपर वाले लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. 

नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप और नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन के सुझाव के बाद राज्यों को यह चिट्ठी लिखी गई है. पहले 4-6 हफ्ते में कोविशील्ड की सेकंड डोज देने की बात कही गई थी. अब इसे 4-8 वीक के बीच कर दिया गया है.  केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि दूसरी डोज हर हाल में 8वें हफ्ते तक दे देनी है. यह निर्देश सिर्फ कोविशील्ड पर लागू होगा. 

भारत में कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान रफ्तार पकड़ रहा है. सरकार की ओर से जारी किये गये ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक COVID-19 टीके की कुल 4.36 करोड़ से अधिक लोगों को खुराक दी जा चुकी है. सरकार ने बताया कि अंतरिम आंकड़ों के मुताबिक शनिवार शाम यानी 20 मार्च 7 बजे तक कोविड-19 टीके की 4,36,75,564 खुराक दी गई है. आकंड़ों के मुताबिक, इनमें 77,63,276 स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं. स्वास्थ्य कर्मियों में 48,51,260 को दूसरी खुराक भी लग चुकी है.

वीडियो: भारत में Covishield के इस्तेमाल पर रोक के आसार नहीं, जानिए क्या है वजह...

Featured Video Of The Day
Brazil Plane Crash BREAKING: ब्राजील के ग्रैमाडो में घर में जा घुसा Plane, 10 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका
Topics mentioned in this article