कोरोना संकट के दौरान गंगा नदी में डंप की गई बहती लाशों को लेकर उठा विवाद फिर गहरा गया है. सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन द्वारा पूछे गए सवाल पर कि कोविड-19 संकट के दौरान कितनी डेड बॉडी गंगा नदी में डंप की गई थीं, जल शक्ति राज्य मंत्री विश्वेश्वर टुडू ने राज्यसभा में दिए लिखित जवाब में कहा कि कोविड-19 से रिलेटेड डेड बॉडी जो गंगा नदी में डंप की गई, उसकी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ जिलों में गंगा में बिना पहचान वाली डेड बॉडी के बहने की घटनाओं पर मीडिया में रिपोर्टिंग की गई. जल शक्ति मंत्रालय ने संबंधित राज्य सरकारों से गंगा में बह रही लाशों पर रिपोर्ट मांगी थी.
उधर, जल शक्ति राज्य मंत्री के इस लिखित जवाब पर विवाद खड़ा हो गया है. तृणमूल कांग्रेस ने जल शक्ति राज्यमंत्री पर संसद में गलत तथ्य रखने का आरोप लगाया है. तृणमूल कांग्रेस सांसद शुभेंदु शेखर राय ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार झूठ बोल रही है. सरकार तथ्य छुपा रही है. सारी दुनिया की मीडिया में तस्वीरें छपी थीं कि गंगा में कोविड-19 मौतों के बाद लाशें बह रही हैं. सरकार संसद को बताए कि कितनी लाशें गंगा में फेंकी गईं. यह लोकतंत्र के खिलाफ है, संसद का अपमान है.
वहीं आरजेडी के सांसद मनोज झा ने कहा कि इससे ज्यादा असंवेदनशील और अशोभनीय जवाब सरकार का नहीं हो सकता. कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार बार-बार संसद में आंकड़े छुपा रही है. पिछले सत्र में केसी वेणुगोपाल ने ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों पर सवाल पूछा था, जिसके जवाब में स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने कहा था कि सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है. इस मामले में केसी वेणुगोपाल राज्यसभा चेयरमैन को विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दे चुके हैं.
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