कोरोना से जंग: वैश्विक आलोचनाओं से उबरने के लिए केंद्र-आरएसएस का मास्टरप्लान

कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) ने देश को हिला कर रख दिया है. महामारी की इस घातक लहर को संभालने में देश ही नहीं दुनिया भर में नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Govt) को आलोचना का सामना करना पड़ा है. सूत्रों ने बताया कि इससे बाहर निकलने के लिए केंद्र सरकार ने सकारात्मकता के लिए एक बड़े ठोस कार्यक्रम की योजना तैयार की है.

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कोरोना से जंग: वैश्विक आलोचनाओं से उबरने के लिए केंद्र-आरएसएस का मास्टरप्लान
नई दिल्ली:

कोरोना की दूसरी लहर (Corona Second Wave) ने देश को हिला कर रख दिया है. महामारी की इस घातक लहर को संभालने में देश ही नहीं दुनिया भर में नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Govt) को आलोचना का सामना करना पड़ा है. सूत्रों ने बताया कि इससे बाहर निकलने के लिए केंद्र सरकार ने सकारात्मकता के लिए एक बड़े ठोस कार्यक्रम की योजना तैयार की है. इस योजना में संभवतः भाजपा (BJP), केंद्र सरकार और यहां तक ​​कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा तीन-स्तरीय रणनीति शुरू की गई है.

सूत्रों ने कहा कि पिछले सप्ताह केंद्र सरकार के कुछ संयुक्त सचिव रैंक के अधिकारी एक वर्कशॉप में शामिल हुए थे. संभवतः इस वर्कशॉप का उद्देश्य बेहतर संचार और सरकार द्वारा किए जा रहे सकारात्मक कार्यों को उजागर करना था. प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा भी ट्वीट किया गया था कि सकारात्मकता के शक्तिशाली संदेश को फैलाने की आवश्यकता है. इस कड़ी में मोदी सरकार के मंत्री भी ऑक्सीजन एक्सप्रेस और महामारी के समय सरकार द्वारा किए गए कार्यों से जुड़ी जानकारियां ट्वीट कर रहे हैं.

पार्टी स्तर पर भी, केंद्र सरकार के कोरोना संकट से निपटने की किसी भी आलोचना का काउंटर करने का प्रयास किया जा रहा है. सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से जुड़ा हुआ है. कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जब कोरोना महामारी से उपजी अव्यवस्थाओं को लेकर केंद्र सरकार को घेरा तो नड्डा ने तीखे शब्दों में पलटवार किया था.

केंद्र सरकार की आलोचनाओं का काउंटर उन्होंने सोनिया और राहुल के नाम एक पत्र के जरिये किया था. अपने चार पन्नों के पत्र में नड्डा ने सूचीबद्ध किया कि कैसे सरकार ने पीएम केयर फंड के तहत खरीदे गए वेंटिलेटर वितरित किए और इस संकट से निपटने के लिए क्या ठोस प्रयास किए.

आरएसएस भी केंद्र सरकार के समर्थन में कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. इस क्रम में पता चला है कि संघ 'सकारात्मकता असीमित' (positivity unlimited) नामक एक ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित करने जा रहा है. इस कार्यक्रम में शीर्ष प्रेरकों, धार्मिक गुरुओं और यहां तक ​​कि प्रमुख उद्योगपतियों के व्याख्यान और भाषण शामिल होने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम का विषय सकारात्मकता फैलाने पर होगा. उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी इस सकारात्मकता अभियान के तहत राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं.

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