Kisan Aandolan: तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) पर सरकार और आंदोलनरत किसानों के बीच गतिरोध खत्म होता नजर आ रहा है. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि वह कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए रोकने के तैयार है. इस पर किसान संगठनों ने कहा है कि वे इस प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार हैं.ऑल इंडिया किसान सभा पंजाब के नेता बालकरण सिंह बरार ने NDTV से बातचीत में कहा, 'भारत सरकार ने 10वें दौर की बैठक (Talk Between government and Farmers) में हमारे सामने एक नया प्रस्ताव रखा है, इसमें कहा गया है कि वह एक विशेष समिति गठित करने को तैयार है जो तीनों नए कानूनों के साथ-साथ हमारी सारी मांगों पर विचार करेगी. सरकार ने यह भी प्रस्ताव रखा कि जब तक समिति समीक्षा पूरा नहीं कर लेती, तीनों नए कानूनों को डेढ़ साल तक स्थगित रखा जाएगा. हमने आज की बैठक में सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है. हम अब भी अपनी मांग पर कायम है कि तीनों नए कानून रद्द किए जाएं.
'उनके पास कोई पॉवर ही नहीं तो पक्षपाती कैसे हो गए?' कमेटी पर आरोप लगाने से भड़के CJI
उन्होंने कहा कि कल किसान संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही है जिसमें सरकार के प्रस्ताव की समीक्षा की जाएगी और इस पर अंतिम फैसला होगा. बरार ने कहा कि सरकार डरी हुई है और अपनी नाक बचाने के लिए रास्ते तलाश रही है. उन्होंने बताया कि कल हमारी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ भी बैठक है, जिसमें 26 जनवरी के हमारे विरोध प्रदर्शन के कार्यक्रम को पर चर्चा होगी ट्रैक्टर रैली निकालने का हमारा फैसला अभी कायम है 22 जनवरी को दिन में 12:00 बजे अगली बैठक होगी.
सुप्रीम कोर्ट की समिति ने कहा, किसानों से विनती है कि बात करने के लिए आएं
कीर्ति किसान यूनियन के नेता राजेंद्र सिंह ने कहा, 'सरकार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कानून सस्पेंड कर दिया है. हम उस सस्पेंशन को और आगे एक्सटेंड करने के लिए तैयार हैं और इस बारे में सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट देने के लिए भी तैयार हैं लेकिन हमने कहा कि हमारे शुरू से यह मांग है कि तीनों कानून रद्द किए जाएं. हमने एनआईए की तरफ से जो नोटिस जारी हुए हैं उस पर सख्त नाराजगी भी आज की बैठक में जताई है. सरकार ने कहा कि आप हमें लिस्ट दीजिए जिन लोगों का एनआईए की नोटिस दी गई है लिस्ट मिलने पर हम उनके खिलाफ नोटिस वापस लेने के लिए सोचेंगे.
हमारा समर्थन करने वालों को एनआईए का नोटिस क्यों : किसान नेता बालकरण सिंह बरार