नए कृषि कानून से पंजाब, हरियाणा और यूपी को मिल सकती है छूट, कैबिनेट में चर्चा संभावित: सूत्र

अब तक किसान संगठनों और सरकार के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन सभी विफल रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी किसानों से अलग बातचीत की थी लेकिन उसमें भी कोई फैसला नहीं हो सका.

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
तीन नए कृषि कानूनों में संशोधन की सरकार की पेशकश को अब तक किसानों ने ठुकराया है. वे कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हैं.
नई दिल्ली:

तीन नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) में किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (जो दिल्ली के निकट जारी विरोध प्रदर्शनों की मुख्य वजह है) को लेकर बदलाव और पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को नए कानूनों से अलग रखे जाने की संभावना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में चर्चा की जा सकती है.

सूत्रों का कहना है कि सरकार कोई भी फैसला लेने से पहले विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श कर रही है. एक सुझाव यह है कि कृषि कानूनों से प्रमुख राज्यों को छूट दे दी जाए, जिनमें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को छूट दना शामिल है, और यह आश्वासन दिया जा सकता है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था जारी रहेगी.

हालांकि बुधवार की कैबिनेट बैठक के एजेंडा में MSP पर अध्यादेश शामिल नहीं है, लेकिन वरिष्ठ सरकारी अधिकारी उसकी संभावना को खारिज नहीं कर रहे हैं, क्योंकि सर्दी के दिनों में दिल्ली के आसपास राजमार्गों पर जारी विरोध प्रदर्शन गंभीर होते जा रहे हैं.

Farmers' Protests LIVE Updates : SC ने दिया समिति बनाने का सुझाव, CJI बोले- 'सरकार की बातचीत फेल हो जाएगी'

सितंबर में लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों में संशोधन की सरकार की पेशकश को अब तक किसानों ने ठुकराया है. वे कानूनों को रद्द किए जाने पर अड़े हैं, और कहते हैं कि MSP पर मात्र आश्वासन से काम नहीं चलेगा.

किसानों का मानना है कि MSP के खत्म हो जाने से उनकी आय भी खत्म हो जाएगी, और इस वजह से वे कॉरपोरेट घरानों के रहमोकरम पर पड़े रहने के लिए मजबूर हो जाएंगे. 

Advertisement

एमएसपी से कम पर खरीद को गैर कानूनी घोषित किया जाए: स्वदेशी जागरण मंच

किसानों का मानना ​​है कि नया कानून उन्हें एमएसपी, या राज्य-निर्धारित न्यूनतम कीमतों से वंचित कर देगा, जिस पर सरकार उनसे उपज खरीदती है. किसानों के बीच ये भी धारणा है कि नए कानून उन्हें कॉर्पोरेट्स के हाथों असुरक्षित छोड़ देगी. सरकार का कहना है कि कृषि कानून कृषि में  आवश्यक सुधार लाए जाएंगे जिससे किसानों को बिचौलियों से दूर रखने और देश में कहीं भी उपज बेचने से उनकी आय में सुधार करने में मदद मिलेगी.

Advertisement

कल, ही किसान नेताओं ने अपने आंदोलन को और कड़ा करने का ऐलान किया था और कहा था कि केंद्र को हर हाल में कानून रद्द करने होंगे. उनकी यह प्रतिक्रिया पीएम मोदी द्वारा किसानों को भ्रमित करने की विपक्ष की साजिश के आरोप के बाद आई थी.

पीएम ने गुजरात में एक सार्वजनिक सभा में किसानों से अपील करते हुए कहा था, "मैं दोहराना चाहता हूं कि मेरी सरकार आपके सभी संदेहों को हल करने के लिए 24 घंटे तैयार है." कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी कहा था कि सरकार असली किसान संगठनों से समाधान की दिशा में खुले मन से बातचीत करने को तत्पर है.

Advertisement

सुखपाल सिंह खैहरा ने पीएम को लिखा पत्र, कहा-कृषि कानूनों पर जनमत संग्रह करवाएं

वह विभिन्न यूनियनों से अलग-अलग बात करते रहे हैं. कल, कृषि मंत्री से बातचीत के बाद यूपी के एक हिस्से में प्रभावी भारतीय किसान यूनियन (किसान गुट) ने कहा कि वे अपना विरोध समाप्त करने के लिए तैयार हैं. उन किसानों से बातचीत में तोमर ने कहा कि एमएसपी एक प्रशासनिक फैसला है और वह किसानों को मिलता रहेगा.

Advertisement

सूत्रों का कहना है कि किसानों के अलग-अलग गुटों से वार्ता उनकी एकता में दरार लाकर और विभिन्न किसान निकायों के बीच अंतर को कम करके विरोध प्रदर्शन को कमजोर करने की सरकार की रणनीति का हिस्सा है. अब तक किसान संगठनों और सरकार के बीच पांच दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन सभी विफल रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी किसानों से अलग बातचीत की थी लेकिन उसमें भी कोई फैसला नहीं हो सका.

इस बीच किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं डाली गई हैं. इन पर अब कल सुनवाई होगी. कृषि कानून, किसान आंदोलन और अन्य मसलों पर अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इनमें सबसे अहम है आंदोलन कर रहे किसानों को सड़कों पर से हटाने की याचिका. लॉ स्टूडेंट ऋषभ शर्मा ने यह याचिका दायर की है. 

एक अन्य याचिका में शीर्ष अदालत से किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है. एक याचिका में मांग की गई है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जाँच करे कि क्या किसानों पर कोई पुलिस हमला हुआ है? एक तीसरी याचिका में मांग की गई है कि शीर्ष अदालत किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने और जंतर मंतर पर विरोध करने की अनुमति दे.

वीडियो- किसानों के हौसले के आगे ठंड भी बेअसर

Featured Video Of The Day
Anmol Bishnoi Arrest Updates: भारत आने से बचने के लिए अनमोल बिश्नोई ने अमेरिका से मांगी पनाह?