रूस और यूक्रेन (Russia-Ukrain War) के बीच 2 साल से जंग चल रही है. जंग में अब तक 20 हजार से ज्यादा नागरिक और सैनिक मारे गए हैं. इस बीच एक ऐसी खबर आई कि भारतीयों को रूस में नौकरी के बहाने बुलाकर उनसे जबरदस्ती यूक्रेन के खिलाफ जंग (Indians Forced to Fight War) लड़ने के लिए भेजा रहा है. इस बीच भारत सरकार ने रूस में रहने वाले लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने शुक्रवार को भारतीय नागरिकों को सावधानी बरतने और यूक्रेन जंग से दूर रहने की सलाह दी है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम जानते हैं कि कुछ भारतीय नागरिकों ने रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए साइन अप किया है. भारतीय दूतावास ने उनकी जल्द रिहाई के लिए नियमित रूप से संबंधित रूसी अधिकारियों के साथ इस मामले को उठाया है. हम सभी भारतीय नागरिकों से उचित सावधानी बरतने और इस संघर्ष से दूर रहने का आग्रह करते हैं."
रिपोर्ट के मुताबिक, 4 भारतीयों को रूस-यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों के साथ लड़ने के लिए मजबूर किया गया. इनमें से एक तेलंगाना और तीन कर्नाटक के हैं. यह कब का मामला है, यह स्पष्ट नहीं है.
18 भारतीय नागरिक रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे
रिपोर्ट के मुताबिक, एक एजेंट ने खुलासा करते हुए बताया कि नवंबर 2023 से लगभग 18 भारतीय नागरिक रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हुए हैं. ये लोग मारियुपोल, खार्किव, डोनात्सक, रोस्तोव-ऑन-डॉन में फंसे हैं. इन लोगों के परिजन ने बताया कि कुछ एजेंट्स ने दिसंबर 2023 में नौकरी के नाम पर धोखे से भारतीयों को रूस भेज दिया था. अब ये भारतीय मदद की गुहार लगा रहे हैं.
असदुद्दीन ओवैसी ने उठाया था मामला
इस हफ्ते की शुरुआत में, AIMIM प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi)ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से उन 4 भारतीयों को बचाने का आग्रह किया था, जिन्हें कथित तौर पर रूसी सेना में शामिल होने और यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में लड़ने के लिए मजबूर किया गया था.
ओवैसी ने जयशंकर को किया ट्वीट
जयशंकर को टैग करते हुए ओवैसी ने ट्वीट किया, "कृपया इन लोगों को घर वापस लाने के लिए अपने अच्छे मैकानिज्म का इस्तेमाल करें. उनकी जान खतरे में है. उनके परिवार वाजिब रूप से फिक्रमंद हैं."
तेलंगाना के युवक ने भाई को मैसेज कर बताया था हाल
रूस में सुफियान नाम के शख्स भी फंसे हुए हैं. तेलंगाना के नारायणपेट जिले के रहने वाले 22 साल के मोहम्मद सूफियान और कर्नाटक के कालाबुरागी के रहने वाले तीन अन्य भारतीयों ने अपने घरवालों को मैसेज भेजा था. जिससे इस मामले का खुलासा हुआ.
उनके भाई इमरान ने 'बाबा व्लॉग्स' नाम से यूट्यूब चैनल चलाने वाले फैसल खान से जुड़े एजेंटों की भ्रामक रणनीति का खुलासा किया है. इन लोगों को मॉस्को में सिक्योरिटी एजेंट की नौकरी का वादा किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया.
वैगनर आर्मी में शामिल करने का है शक
रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि 60 अन्य भारतीयों को भी झांसा देकर वैगनर आर्मी में शामिल किया गया है. महाराष्ट्र के एक आदमी ने इन लोगों से एक कॉन्ट्रैक्ट पेपर पर साइन करवाए थे. कॉन्ट्रैक्ट रूसी भाषा में लिखा था. साइन लेते समय इन लोगों से कहा गया कि वे रूस में हेल्पर की नौकरी से जुड़े पेपर पर साइन कर रहे हैं.
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