पूर्व खुफिया ब्यूरो (आईबी) के विशेष निदेशक अक्षय कुमार मिश्रा को नगा शांति वार्ता के लिए वार्ताकार के रूप में नियुक्त करने के लिए सभी तैयारियां हो चुकी हैं. नियुक्ति में देरी पूर्व वार्ताकार जोकी नागालैंड के पूर्व राज्यपाल भी थे उनके इस्तीफे को लेकर हो रही है. उन्होंने अभी तक अपना इस्तीफ़ा नहीं दिया है. केंद्रिय गृह मंत्रालय के मुताबिक़ आरएन रवि अभी भी वार्ताकार का प्रभार संभाल रहे हैं. इसलिए मंत्रालय अक्षय कुमार मिश्रा की नियुक्ति नहीं कर पा रहा है. केंद्र सरकार ने हाल में रवि को नागालैंड के राज्यपाल पद से हटाकर तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त किया था.
बता दें कि अक्षय मिश्रा जोकी 1987 बैच के राजस्थान केडर के अफ़सर हैं, वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पसंद हैं. वहीं, आरएन रवि केरल कैडर के 1976-बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. रवि को 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत कुमार डोभाल द्वारा इस पद के लिए चुना गया था.
गृह मंत्रालय के अफस ने कहा, "अब एक साल से अधिक समय हो गया है. वह (रवि) वार्ताकार के रूप में किसी से नहीं मिले हैं. उन्हें पिछले सप्ताह तमिलनाडु का राज्यपाल नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने अभी भी वार्ताकार के रूप में अपना प्रभार नहीं छोड़ा है." उनके मुताबिक़, "पिछले दो वर्षों में, राज्यपाल और नगा विद्रोही समूहों के बीच विश्वास की कमी गहरी हो गई थी. इससे गतिरोध पैदा हो गया है. उन्हें (रवि) रुकी हुई प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए हटा दिया गया था."
जानकारी के मुताबिक़, रवि को 2019 में नागालैंड-इसाक-मुइवा (NSCN I-M) की राष्ट्रीय समाजवादी परिषद के विरोध के बावजूद नागालैंड का राज्यपाल बनाया गया था, जो कि सरकार के प्रमुख विद्रोही समूह हैं. माना जा रहा है की केंद्रीय गृह मंत्रालय राजस्थान कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मिश्रा के नाम की घोषणा नए वार्ताकार के रूप में कर सकता है. अक्षय मिश्रा अप्रैल 2021 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद से, केंद्रीय गृह मंत्रालय में उत्तर पूर्व के सलाहकार के रूप में नियुक्त किए जा चुके है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एनएससीएन के थुइंगलेंग मुइवा और रवि के बीच संबंध खराब होने के बाद से पिछले एक साल से मिश्रा एनएससीएन के साथ भी काम कर रहे हैं. ऐसे संकेत हैं कि आईबी निदेशक अरविंद कुमार भी मिश्रा के साथ नगा शांति वार्ता के लिए एक अतिरिक्त वार्ताकार के रूप में शामिल हो सकते हैं. मिश्रा के सलाहकार के रूप में, मंत्रालय पिछले कुछ महीनों में, एनएससीएन के साथ शांति समझौते और असम के कार्बी-आंगलोंग जिले में स्थित पांच सशस्त्र समूहों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने में सक्षम है.
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