केंद्र सरकार ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उम्मीदवार पूजा खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों को सत्यापित करने के लिए भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव स्तर के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय समिति का गठन किया है. यह कमेटी 2 हफ्ते में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
क्या है आरोप?
2023 बैच की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पर एक नौकरशाह के रूप में अनुचितता और अपने पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप हैं. आरोप है कि वह अपनी निजी स्वामित्व वाली ऑडी सेडान पर लाल बत्ती, वीआईपी नंबर प्लेट और "महाराष्ट्र सरकार" स्टिकर का उपयोग कर रही थी.
कौन है पूजा खेडकर
पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर राज्य सरकार में अधिकारी रह चुके हैं.रिटायरमेंट के बाद वो राजनीति में आ गए. अभी हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने वंचित बहुजन अघाड़ी के टिकट पर अहमदनगर सीट से चुनाव भी लड़ा था.लेकिन उन्हें 13 हजार 749 वोटों के साथ हार का सामना करना पड़ा था.
क्यों चर्चा में आया पूजा खेडकर का नाम
पूजा खेडकर का नाम उस समय चर्चा में आ गया, जब महाराष्ट्र शासन ने उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया. उनके खिलाफ पॉवर के दुरुपयोग की शिकायत मिली थी. सरकार ने यह कदम पुणे के कलेक्टर डॉक्टर सुहास दिवासे की मुख्य सचिव को लिखी एक चिट्ठी के बाद उठाया था.वाशिम में पूजा को अतिरिक्त सहायक कलेक्टर बनाया गया है.वो वहां 30 जुलाई 2025 तक सेवा देंगी.
पूजा ने पुणे में तैनाती के दौरान अधिकारियों से कुछ ऐसी मांगें कर दी थीं, जो किसी प्रशिक्षु अधिकारी को नहीं दी जाती हैं. उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल नीली बत्ती लगा ली थी. उन्होंने अपनी गाड़ी पर महाराष्ट्र शासन भी लिखवा लिया था. इसके बाद पूजा के मामले में तूल पकड़ लिया.