केंद्र की उदार टीकाकरण नीति हकीकत में कितनी 'उदार' है ? देखें ये दस्तावेज

केंद्र द्वारा लागू की गई उदार टीकाकरण नीति हकीकत में उदार है या नहीं इसपर संशय के बादल छाए हुए हैं. केंद्र ने विशिष्ट कोटा तय किया है कि दिल्ली सरकार सीधे निर्माताओं से कितनी वैक्सीन खरीद सकती है, इससे जुड़े दस्तावेज कुछ और ही हकीकत बया कर रहे हैं.

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नई दिल्ली:

1 मई को केंद्र द्वारा लागू की गई उदार टीकाकरण नीति हकीकत में उदार है या नहीं इसपर संशय के बादल छाए हुए हैं. केंद्र ने विशिष्ट कोटा तय किया है कि दिल्ली सरकार सीधे निर्माताओं से कितनी वैक्सीन खरीद सकती है, लेकिन इससे जुड़े दस्तावेज कुछ और ही हकीकत बया कर रहे हैं.

केंद्र ने 21 अप्रैल को घोषित अपनी नीति में मौजूदा दिशा-निर्देशों में बदलाव किया है. इस नीति के आने से पहले तक केंद्र ही निर्माताओं से वैक्सीन का स्टॉक खरीद सकता था. नीति में बदलाव के बाद केंद्र ने राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को वैक्सीन निर्माताओं सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के स्टॉक का 50 प्रतिशत तक सीधे खरीदने की अनुमति दी थी.

व्यापक आलोचना के बावजूद केंद्र ने यह दावा करते हुए नई नीति का बचाव किया कि यह टीकों तक पहुंचने में सक्षम होने में अधिक स्वतंत्रता की मांग करने वाले राज्यों के जवाब में है. लेकिन NDTV के पास मौजूद दस्तावेज केंद्र के इस दावे से मेल नहीं खाते.

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 17 मई को दिल्ली सरकार को भेजे गए पत्र दर्शाते हैं कि जो राज्य सीधे निर्माताओं से वैक्सीन खरीद सकते है, उतनी सप्लाई पर केंद्र बारीकी से नजर बनाए हुए है. एनडीटीवी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी द्वारा विक्रम देव दत्त, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, दिल्ली सरकार को कोविशील्ड और कोवैक्सिन के लिए भेजे गए दो पत्रों की समीक्षा की.

पत्र में, केंद्र का कहना है कि कोविशील्ड की 3 लाख खुराक और कोवैक्सिन की 92,000 खुराक दिल्ली सरकार को जून महीने के लिए सीधी खरीद के लिए उपलब्ध हैं. पत्र में 45 से ऊपर के लोगों के टीकाकरण के लिए केंद्र की मुफ्त आपूर्ति योजना के तहत दिल्ली को दी जाने वाली खुराक की संख्या का भी उल्लेख है. 

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पत्र केवल उदारीकृत नीति के बारे में भ्रम को गहरा रहा है, जिसके चलते वैक्सीन अभियान को और संकट में डाल दिया है. राज्यों ने बार-बार शिकायत की है कि टीके सीधे खरीदने के प्रयास काफी हद तक निरर्थक रहे हैं, टीका निर्माताओं ने अपने आदेशों को पूरा करने में असमर्थता व्यक्त की है.

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दिल्ली सरकार ने 26 अप्रैल को घोषणा की थी कि कोवैक्सिन और कोविशील्ड की 67 लाख खुराक के लिए ऑर्डर दिया गया था, लेकिन तब से उन्हें केवल थोड़ी मात्रा में टीके प्राप्त हो रहे हैं, स्केल-बैक या यहां तक ​​कि टीकाकरण केंद्रों को बंद करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

दिल्ली सरकार के पत्र के जवाब में भारत बायोटेक ने कहा, "हम संबंधित सरकारी अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार वैक्सीन की डिलिवरी कर रहे हैं."

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बता दें कि सोमवार को केरल उच्च न्यायालय के समक्ष एक हलफनामे में, केंद्र ने कहा, "राज्य द्वारा सीधी खरीद के तहत उपलब्ध खुराक 18-44 वर्ष के जनसंख्या समूह की राज्य-वार आबादी के आधार पर आनुपातिक आधार पर तैयार की गई थी."

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