केंद्र सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टर्स की अटेंडेंस यानी उपस्थिति को लेकर सख्त आदेश दिए हैं. इस आदेश के तहत अब डॉक्टरों को अपनी अटेंडेंस के साथ लोकेशन भी बतानी होगी.केंद्र ने डॉक्टर्स की अटेंडेंस को लेकर फेस आधारित आधार प्रमाणीकरण एप बनवाया है. इस एप को सभी डॉक्टरों को अपने मोबाइल में इनस्टॉल करना होगा. साथ ही डॉक्टरों को हॉस्पिटल आने के बाद एप के जरिये सेल्फी क्लिक करके देनी होगी.
इसी दौरान एप पर मौजूद GPS लोकेशन भी देनी होगी. App की खास बात ये है कि अस्पताल कैंपस के 100 मीटर के दायरे से बाहर होने पर यह मोबाइल एप अटेंडेंस को निरस्त कर देगा. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने देश के सभी मेडिकल कॉलेजों से उनके अस्पतालों की जीपीएस लोकेशन मांगी है. NMC ने 20 अप्रैल तक सभी कॉलेज से अपनी जीपीएस लोकेशन शेयर करने को कहा है.
लोकेशन को मोबाइल एप के साथ जोड़ा जाएगा
बताया जा रहा है कि 24 अप्रैल से यह मोबाइल एप एक्टिव होगा. 30 अप्रैल तक सभी डॉक्टरों को app को अपने फोन में इंस्टॉल करना कंपल्सरी है. एप को डाउनलोड करने के बाद प्रत्येक उपयोगकर्ता को अपने आधार कार्ड से इसे लिंक करना होगा. 1 मई से सिर्फ इसी मोबाइल एप के जरिये मेडिकल कॉलेजों के संकाय सदस्यों की अटेंडेंस मान्य होगी. अभी तक सभी कॉलेजों में अंगूठे के निशान देकर हाजिरी लगाई जाती है.
NMC ने स्नातकोत्तर न्यूनतम मानक आवश्यकताएं 2023 के तहत कड़े नियम लागू किए हैं. अब मेडिकल कॉलेजों के फैकल्टी मेंबर्स की 75 प्रतिशत अटेंडेंस कंपल्सरी होगी. NMC ने कॉलेज के समय में निजी प्रैक्टिस पर भी रोक लगाई है. NMC की सख्ती के मेडिकल कॉलेजों में स्टूडेंट्स की अटेंडेंस में गिरावट आना बड़ा कारण माना जा रहा है.