राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि केन्द्र को पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क को संप्रग सरकार के स्तर पर लाना चाहिए ताकि आम आदमी को सही मायनों में राहत मिल सके. उन्होंने कहा कि केन्द्र द्वारा कल पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने के बाद आज तेल कंपनियों ने पेट्रोल पर अचानक 0.71 पैसे की वृद्धि की है. गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘कल केन्द्र सरकार का उत्पाद शुल्क पेट्रोल-डीजल पर कम हुआ और आज तेल कंपनियों ने 71 पैसे पेट्रोल पर अचानक बढ़ा दिए . अगले कुछ दिनों में इसी प्रकार ये उत्पाद शुल्क कटौती अप्रासंगिक हो जाएगी.''
उन्होंने कहा कि ‘‘केन्द्र सरकार को ऐसी औपचारिकता करने की बजाय उत्पाद शुल्क को संप्रग सरकार के स्तर पर लाना चाहिए जिससे आमजन को असल मायने में राहत मिल सके.'' उन्होंने कहा कि पूरे देश के अंदर महंगाई की जो मार पड़ रही है उसके अनेक कारणों के अलावा ये पेट्रोल-डीजल के जो बार-बार दाम बढ़ते हैं वो भी मुख्य कारण है.
उन्होंने कहा कि ''आप याद कीजिये जब संप्रग सरकार थी तब 140 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गए थे दाम, लेकिन तब भी डीजल-पेट्रोल का भाव 70 रूपये से ऊपर नहीं गया , उसके आसपास रहा. क्योंकि सिर्फ 10 रूपये उत्पाद शुल्क लगता था, अब आम जनता को तो ये बातें वो बताते नहीं हैं, छिपाते हैं.''
गहलोत ने कहा कि अब उन्होंने (भाजपा सरकार ने) उत्पाद शुल्क 10 रूपये से बढाकर 32 रूपये तक कर दिया और यह कि उसमें जो मुख्य उत्पाद शुल्क लगता था उसमें राज्यों को वापस हिस्सा बंटता था, वो खत्म कर दिया है, खत्म का मतलब नहीं के बराबर कर दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावों की घोषणा होते ही पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने बंद हो गए थे और चुनाव के बाद में लगभग 10 रूपये प्रति लीटर बढ़ा दिए गये.
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