केंद्र सरकार के आज इस बात से इनकार किया है कि भारत यात्रा पर आए ईरान के एक मंत्री ने सत्तारूढ़ बीजेपी के सदस्यों की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का मुद्दा उठाया था. ईरान की ओर से एक बयान में दावा किया गया है कि उसके विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पैगंबर पर कमेंट को लेकर कुवैत, कतर और अन्य खाड़ी देशों की तीखी प्रतिक्रया के बाद भारत आए पहले बड़े 'विजिटर', ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ मीटिंग में इस विवादित टिप्पणी का मुद्दा उठाया था.
ईरान के मंत्री ने कल रात अपने ट्वीट में लिखा था, " हमारी द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए पीएम मोदी, विदेश मंत्री जयशंकर और अन्य भारतीय अधिकारियों से मिलकर प्रसन्नता हुई. तेहरान और नई दिल्ली, ईश्वरीय धमों और इस्लामी पवित्रताओं (divine religions & Islamic sanctities)का सम्मान करने और विभाजनकारी बयानों से बचने की जरूरत पर सहमत हैं."
हालांकि विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा है कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान इस मुद्दे को नहीं उठाया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ईरानी रीडआउट (Iranian readout) के हवाले से आई रिपोर्ट के जवाब में कहा, "ईरानी रीडआउट को वापस ले लिया गया है."उन्होंने कहा, "यह मुद्दा विदेश मंत्री जयशंकर के साथ चर्चा के दौरान नहीं उठाया गया था. हम यह स्पष्ट कर चुके हैं ट्वीट और टिप्पणियां सरकार के विचारों को अभिव्यक्त नहीं करती हैं. यह इन देशों को अवगत कराया गया है और तथ्य यह भी है कि कार्रवाई की गई है."
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने ईरानी पक्ष के हवाले से बताया था कि अब्दुल्लाहियन ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ असम्मानजनक कमेंट से बने नकारात्मक माहौल का मुद्दा उठाया, इस पर भारतीय पक्ष ने इस्लाम के संस्थापक के लिए भारत सरकार के सम्मान को दोहराया था. ईरान के अनुसार, एनएसए डोभाल ने पैगंबर के प्रति भारतीय सरकार के सम्मान को दोहराते हुए कहा कि 'दोषियों' से इस तरह से निपटा जाएगा ताकि अन्य लोग भी सबक सीख सकें. गौरतलब है कि भारत और ईरान के बीच बुधवार को व्यापार, कनेक्टिवटी और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के मसले पर बातचीत हुई थी.ईरान के विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात की थी. दोनों पक्षों ने लंबे समय से चली आ रही सभ्यतागत एवं सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करने के अलावा करोबार, सम्पर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों के सम्पूर्ण आयामों पर चर्चा की.जयशंकर और ईरानी विदेश मंत्री बीच बैठक के दौरान चाबहार बंदरगाह, अफगानिस्तान, यूक्रेन एवं अन्य क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई. इसके साथ ही उन्होंने कारोबार, स्वास्थ्य, लोगों के बीच सम्पर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की.
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