दिल्ली सरकार 'एक देश, एक राशन कार्ड' (ONORC) योजना पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को गुमराह कर रही है. केंद्र सरकार ने सोमवार को यह बात राष्ट्रीय राजधानी में राशन की डोरस्टेप डिलीवरी को लेकर विवाद के बीच अदालत में कही. केंद्र ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने इस योजना को शहर के केवल एक हिस्से में लागू किया है, सभी क्षेत्रों में नहीं. गौरतलब है कि SC ने शुक्रवार को कहा था कि राज्य और केंद्रशासित क्षेत्रों को 'एक देश, एक राशन कार्ड' योजना को लागू करना चाहिए क्योंकि यह प्रवासी श्रमिकों को उनके काम के स्थान पर, अन्य राज्यों में भी राशन प्राप्त करने की इजाजत देती है जहां उनके राशन कार्ड रजिस्टर्ड नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों से एक देश- एक राशन कार्ड योजना लागू करने को कहा
इस ओर इशारा करते हुए कि इस अहम योजना का उद्देश्य सभी प्रवासियों को बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण के साथ मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करते हुए देश की किसी भी राशन शॉप से अपना खाद्यान्न लेने के लिए सक्षम बनाना है, केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि असम, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और दिल्ली ने इस योजना को लागू नहीं किया है. कोर्ट ने प्रवासी श्रमिकों की परेशानियों का मुद्दा उठाया था और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक नेशनल पोर्टल नहीं लगाने को लेकर केंद्र सरकार से सवाल किया था और अपने आदेश को सुरक्षित रखा था.
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गौरतलब है कि इस माह की शुरुआत में केंद्र सरकार ने डोर स्टेप डिलीवरी योजना को रोक दिया था, दिल्ली सरकार ने दावा किया था कि योजना से 72 लाख लोगों को लाभ होगा जो लॉकडाउन के चलते अपना रोजगार या मजदूरी गंवा बैठे हैं. घर-घर राशन योजना (Door Step Delivery Scheme) के मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. अपने लेटर में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने लिखा है, "कृपया घर-घर राशन योजना दिल्ली में लागू करने दीजिए". उन्होंने कहा कि आज तक राष्ट्रहित के सभी कामों में मैंने आपका साथ दिया है, राष्ट्रहित के इस काम में आप भी हमारा साथ दीजिए. कोरोना काल में ये योजना पूरे देश में लागू हो. केंद्र सरकार इस योजना में जो बदलाव करवाना चाहती है हम वो करने के लिए तैयार हैं.