"ऐसे चरमपंथियों को बढ़ावा..." : खालिस्तानी आतंकी की संसद पर हमला करने की धमकी पर केंद्र सरकार

अरिंदम बागची ने कहा कि हम धमकियों को गंभीरता से लेते हैं. हम ऐसे चरमपंथियों को बढ़ावा नहीं देना चाहते हैं, जो कि ऐसे धमकियां देते हैं और मीडिया में उन्हें कवरेज मिलता है.

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नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannu) की 13 दिसंबर या उससे पहले संसद पर हमला करने की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह ऐसी धमकियों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहता है. साथ ही कहा कि इन धमकियों के मामले को संबंधित अधिकारी देख रहे हैं.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से 13 दिसंबर को या उससे पहले संसद पर हमला करने की पन्नू की हालिया धमकी के बारे में सवाल पूछा गया था. गौरतलब है कि 13 दिसंबर को 2001 संसद हमले की बरसी है, जिसमें पांच हमलावरों सहित 15 लोग मारे गए थे.

अरिंदम बागची ने कहा कि सुरक्षा से जुड़ों मामलों पर टिप्पणी करने का अधिकार मेरे पास नहीं है. उन्होंने कहा, "हम धमकियों को गंभीरता से लेते हैं. मैं ऐसे चरमपंथियों को बढ़ावा नहीं देना चाहता हूं, जो कि ऐसे धमकियां देते हैं और मीडिया में उन्हें कवरेज मिलता है. दूसरी ओर, हम इसे गंभीरता से लेते हैं और इस विशेष मामले में हमने इस मामले को अमेरिकी और कनाडाई अधिकारियों के समक्ष उठाया है."

बता दें, इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कहा था कि पन्नु के धमकी देने के बाद से वे अलर्ट पर हैं. यह धमकी ऐसे समय में आई है जब संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संसद परिसर और उसके आसपास सुरक्षा पहले ही बढ़ा दी गई है. उन्होंने कहा, ''किसी को भी कानून-व्यवस्था में खलल डालने की इजाजत नहीं दी जाएगी.''अधिकारी ने कहा, "जब संसद चल ​​रही होती है तो हम सतर्क रहते हैं. हम किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी एहतियाती कदम उठा रहे हैं." उन्होंने कहा कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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