केंद्र सरकार ने पिछली बार के मुकाबले अब तक करीब 5 लाख मीट्रिक टन ज्यादा गेहूं खरीदा

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडे ने रबी सीजन (रबी मार्केटिंग सीजन) 2021-22 के दौरान गेहूं खरीद की स्थिति पर जानकारी दी. 14 अप्रैल को 5.57 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में पहुंच,. जो आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने की संभावना है.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
Wheat का MSP 1975 रुपया प्रति कुंतल निर्धारित किया गया है
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने दावा किया है कि इस बार अब तक पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 5 लाख मीट्रिक टन ज्यादा गेहूं की सरकारी खरीद हुई है. किसान आंदोलन और एमएसपी को लेकर कानूनी गारंटी की मांग के बीच सरकार ने ये आंकड़े दिए हैं.उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 60 लाख मीट्रिक टन के मुकाबले इस सीजन में अब तक 64.79 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है. इस पर 1975 रुपया प्रति कुंतल की रेट से किसानों को कुल पेमेंट 12,800 करोड़ रुपये की गई है.

जबकि इस वर्ष का अनुमानित लक्ष्य 427 लाख मीट्रिक टन( LMT) है.  खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडे ने रबी सीजन (रबी मार्केटिंग सीजन) 2021-22 के दौरान गेहूं खरीद की स्थिति पर एक मीडिया ब्रीफिंग में गुरुवार को ये जानकारी दी. सुधांशु पांडे ने कहा, खरीद का काम जोरों पर है, 14 अप्रैल, 2021 को 5.57 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में पहुंच,. जो आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने की संभावना है.

पंजाब में अब तक 10.6 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद गई है. सुधांशु पांडेय ने साफ़ किया कि भारत सरकार एमएसपी रेट पर किसानों से गेहूं खरीदने के लिए प्रतिबद्ध है और वो ये भी सुनिश्चित करेगी कि फसल का भुगतान सीधे किसानों के खातों में किया जाए.खाद्य मंत्रालय के पास मौजूद आकड़ों के मुताबिक अब तक 11 राज्यों के 6,60,593 किसानों को गेहू खरीद का लाभ हुआ है.सुधांशु पांडेय ने कहा कि पंजाब में कोई हितों का टकराव सामने नहीं आया है.

Advertisement

आढ़तियों के पास ई-मोड के माध्यम से अलग से उनका कमीशन पहुंच रहा है. पहले, एमएसपी आढ़तियों के माध्यम से किसानों तक पहुंचता था, लेकिन अब यह सीधे ऑनलाइन किसानों के बैंक खातों  में पहुंच रहा है. गौरतलब है कि हजारों की संख्या में किसान तीनों कृषि कानूनों और एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी का मुद्दा उठाते हुए करीब 6 माह से आंदोलन कर रहे हैं.

Advertisement

सरकार का कहना है कि वह किसानों की आशंकाओं को दूर करने के लिए इन कानूनों में बदलाव करने या चर्चा तक इन्हें स्थगित करने को तैयार है. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा इन कानूनों को पूरी तरह वापस लेने पर अड़ा हुआ है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi में Mahila Samman Yojana के लिए Monday से Registration शुरू, AAP-BJP में घमासान जारी