केन्द्र ने कोविड-19 से निपटने के लिए जारी किया नया परामर्श, ढिलाई ना बरतने की अपील की

देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन' के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केन्द्र ने सोमवार को वैश्विक महामारी की स्थिति से निपटने के लिए राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए एक नया परामर्श जारी किया.

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देश में संक्रमण के उपचाराधीन मामलों में गिरावट आई है.
नई दिल्ली:

देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन' के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केन्द्र ने सोमवार को वैश्विक महामारी की स्थिति से निपटने के लिए राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए एक नया परामर्श जारी किया. केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने परामर्श में कहा कि राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश त्योहारी सीजन के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जरूरत के हिसाब से स्थानीय स्तर पर पाबंदियां लगाने पर विचार करें. राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से ढिलाई ना बरतने की अपील करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पांच चरणीय रणनीति पर निरंतर ध्यान दिया जाना चाहिए. पांच चरणीय रणनीति है-जांच, संक्रमितों के सम्पर्क में आए लोगों की पहचान, उपचार, टीकाकरण और संक्रमण के मामलों को बढ़ने से रोकने के लिए कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों का पालन.

उन्होंने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से कहा कि 21 दिसंबर को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिए गए सुझावों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए आदेशों पर गौर करें.

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परामर्श में कहा गया है, ‘‘देश में संक्रमण के उपचाराधीन मामलों में गिरावट आई है. हालांकि, नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन' को ‘डेल्टा' वीओसी (वोलेटाइल कार्बनिक कंपाउंड) से अधिक संक्रामक बताया जा रहा है और यह कोविड-19 से निपटने के लिए किए गए उपायों को भी चुनौती दे रहा है.''

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गृह सचिव ने कहा कि देश में ‘ओमिक्रॉन' स्वरूप के अभी तक 578 मामले सामने आ चुके हैं, ये मामले 19 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि विश्व में 116 देशों में ‘ओमिक्रॉन' के मामले सामने आ चुके हैं. अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप (फ्रांस, इटली, स्पेन), रूस, दक्षिण अफ्रीका, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया आदि में इसके कारण संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है.

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भल्ला ने कहा कि 21 दिसंबर को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए परामर्श में एक मानक ढांचा प्रदान किया गया. कई राज्यों में ‘डेल्टा' स्वरूप की विशिष्ट उपस्थिति और ‘ओमिक्रॉन' के मामले सामने आने के कारण स्थानीय तथा जिला स्तरों पर अधिक दूरदर्शिता, आंकड़ों के विश्लेषण, गतिशील निर्णय लेने, सख्त एवं त्वरित रोकथाम के लिए कार्रवाई करने और स्थिति का आकलन करने की जरूरत है.

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गृह सचिव ने कहा कि 23 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19, ‘ओमीक्रोन वीओसी' की मौजूदा स्थिति और देश भर में स्वास्थ्य प्रणालियों की तैयारी की समीक्षा की थी. भल्ला ने कहा कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नए स्वरूप से उत्पन्न किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियां तैयार हों.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि ऑक्सीजन आपूर्ति उपकरण लगे हों, पूरी तरह से काम कर रहे हों और आवश्यक दवाओं का ‘बफर स्टॉक' (सुरक्षित भंडार) हो.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात को दोहराना चाहता हूं कि सभी राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश एहतियाती कदम उठाएं और ढिलाई ना बरतें. मानक ढांचे और स्थिति के आकलन के आधार पर स्थानीय तथा जिला प्रशासन को तुरंत, रोकथाम के उचित उपाय करने चाहिए. राज्य त्योहारी सीजन के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जरूरत के हिसाब से स्थानीय स्तर पर पाबंदियां लगाने पर विचार करें.'' भल्ला ने कहा कि राज्य प्रवर्तन तंत्र को कोविड-19 संबंधी दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करना चाहिए.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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