"महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर मूकदर्शक बना नहीं रह सकता केंद्र": शरद पवार

शरद पवार ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने सुप्रिया सुले से कहा कि यह मुद्दा दो राज्यों के बीच का है और संसद में उठाने के लायक नहीं है. अगर संसद इस विवाद पर ध्यान नहीं देगा तो कौन देगा?

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
शरद पवार ने कहा कि ये मराठी भाषी लोगों के अधिकार और न्याय की बात है.
मुंबई:

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार यूं मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती है. राकांपा की एक बैठक को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि अगर सत्ता का दुरुपयोग भाषा के माध्यम और आंदोलन को बर्बाद करने के लिए किया जाता है तो उस पर प्रतिक्रिया होगी. उन्होंने कहा, लेकिन केन्द्र ने इस पर आंखें मूंद ली हैं.

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद सिर्फ दो राज्यों के बीच नहीं है, बल्कि यह पड़ोसी राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी भाषी लोगों के अधिकारों और न्याय की बात है.

महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद का मुद्दा बुधवार को लोकसभा में भी उठा और राकांपा नेता व पवार की पुत्री सुप्रिय सुले ने मामले में केन्द्रीय गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप की मांग की.

इसका हवाला देते हुए शरद पवार ने कहा, ‘‘कल लोकसभा अध्यक्ष ने सुप्रिया सुले से कहा कि यह मुद्दा दो राज्यों के बीच का है और संसद में उठाने के लायक नहीं है. अगर संसद इस विवाद पर ध्यान नहीं देगा तो कौन देगा? केन्द्र सरकार मूकदर्शक बनी नहीं रह सकती है.''

Featured Video Of The Day
UP Crime News: यूपी में ताबड़तोड़ एनकाउंटर! ऑपरेशन लंगड़ा का असर दिखा | CM Yogi
Topics mentioned in this article