केंद्र ने राज्यों से सट्टेबाजी से संबंधित विज्ञापनों पर नकेल कसने को कहा

सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि सट्टेबाजी और जुआ देश के ज्यादातर हिस्सों में अवैध हैं, इसलिए वे उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवाओं और बच्चों के लिए वित्तीय और सामाजिक आर्थिक जोखिम पैदा करते हैं.’’

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
सट्टेबाजी के विज्ञापन पर सरकार को यह परामर्श जारी करना पड़ा है.
नई दिल्ली:

केंद्र ने मंगलवार को राज्य सरकारों से जुए और सट्टेबाजी से संबंधित उन विज्ञापनों पर नकेल कसने को कहा है, जो देशभर में होर्डिंग्स और ऑटो-रिक्शा पर दिखाई देने लगे हैं. सूचना और प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में जुए और सट्टेबाजी मंचों से जुड़े होर्डिंग, बैनर और ऑटो-रिक्शा पर दिखने वाले विज्ञापनों पर अंकुश लगाने के लिए ‘‘उचित कार्रवाई'' करने को कहा है.

चंद्रा ने कहा, ‘‘ऑनलाइन सट्टेबाजी के विज्ञापन भ्रामक हैं, और ये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम, 1995 के तहत विज्ञापन संहिता और प्रेस काउंसिल एक्ट, 1978 के तहत प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित पत्रकारिता आचरण के मानदंडों के अनुरूप नहीं दिखाई देते हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि सट्टेबाजी और जुआ देश के ज्यादातर हिस्सों में अवैध हैं, इसलिए वे उपभोक्ताओं, विशेष रूप से युवाओं और बच्चों के लिए वित्तीय और सामाजिक आर्थिक जोखिम पैदा करते हैं.''

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने निजी टेलीविजन चैनल, डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ओटीटी मंचों को ऐसे विज्ञापनों को प्रकाशित और प्रसारित करने से बचने का परामर्श जारी किया है. जुए और सट्टेबाजी मंचों के विज्ञापन मीडिया के एक वर्ग - प्रिंट, डिजिटल और टेलीविजन में दिखाई दिए हैं, जिसके बाद सरकार को यह परामर्श जारी करना पड़ा है. इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए, यह अनुरोध किया जाता है कि सट्टेबाजी और जुआ मंचों के बाहरी विज्ञापनों पर अंकुश लगाने के लिए उचित कार्रवाई की जाये.

ये भी पढ़ें : कश्मीर में जी20 बैठक के मद्देनजर सुरक्षा के लिए मरीन, NSG कमांडो किए जाएंगे तैनात

ये भी पढ़ें : आधार से जुड़े मोबाइल नंबर का सत्यापन हुआ आसान, नई सुविधा शुरू

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
संभल की मस्जिद पर ओवैसी ने क्यों किया बाबरी मस्जिद का किया जिक्र?