भारतीय वायुसेना के अधिकारी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश (CDS General Bipin Rawat Helicopter Crash) की जांच के नतीजों से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आज 11 बजे अवगत कराएंगे.
आठ दिसंबर को हुई इस हेलिकॉप्टर दुर्घटना का तीनों सेनाओं के दल द्वारा जांच का आदेश दिया गया था. तमिलनाडु के नीलगिरि हिल्स में चॉपर क्रैश में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की मौत हो गयी थी. हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की कुछ दिन बाद इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी.
अभी तक न तो एयरफोर्स ने और न ही सरकार ने रिपोर्ट पर या उसके नतीजों पर कोई बयान जारी किया है. हालांकि, सूत्रों ने पिछले हफ्ते एनडीटीवी को संकेत दिया था कि हादसे की वजह खराब मौसम के कारण विजिबिलिटी का कम होना हो सकता है.
बताया जा रहा है कि एयर मार्शल मानवेन्द्र सिंह की अगुवाई में हुई जांच ने पाया है कि खराब मौसम के चलते पायलट का ध्यान भटक गया जिस वजह से हादसा हुआ.
तकनीकी आधार पर कहे तो इस तरह के हादसे तब होते है जब पायलट डिसओरिएंट हो जाय या फिर हालात का सही अंदाजा ना लगा पाए और गैर इरादतन हेलिकॉप्टर किसी से टकरा जाए. जबकि पायलट का हेलिकॉप्टर पूरा कंट्रोल होता है. ऐसे हालात को 'कंट्रोल फ्लाइट इनटू टेरेन' कहा जाता है.
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इस तरह के क्रैश ज़्यादातर खराब मौसम के दौरान तब होते हैं, जब पायलट हेलिकॉप्टर को लैंड करा रहा होता है . ऐसी हालात में पायलट को हेलिकॉप्टर कंट्रोल करना लगभग नामुमकिन हो जाता है.
सूत्रों ने यह भी कहा कि जांच दल ने हेलिकॉप्टर में तकनीकी या मेकेनिकल खामी की संभावना से इनकार किया है.
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बता दें कि 8 दिसंबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत और सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर के साथ तमिलनाडु के सुलूर एयर बेस से एमआई वी -17 वी 5 से उंटी के पास वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज जा रहे थे. हेलीकॉप्टर लैंड करने के सात मिनट पहले ही दुर्घटना ग्रस्त हो गया. इस हादसे में जनरल रावत समेत हेलीकॉप्टर में सवार सभी 14 लोगों की जान जा चुकी है.
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