CBSE-ICSE 12th Board Exams cancelled
CBSE-ICSE 12th class Board exam canceled :सोशल मीडिया से लेकर तमाम मंचों पर छात्र, अभिभावक, शिक्षक या कोचिंग संस्थानों की ओर से सवाल किए जा रहे हैं. अगर इंटरनेट एसेसमेंट के लिए नया फार्मूला तय होता है तो क्या सभी पक्ष उस पर सहमत होंगे. छात्रों का कहना है कि अभी उनका तनाव खत्म नहीं हुआ है. सीबीएसई का एसेसमेंट फार्मूला सामने आने के बाद ही पता चलेगा कि उन्हें फायदा होगा या नुकसान.
- CBSE-ICSE बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर कई महीनों से जारी ऊहापोह तो खत्म हो गया है, लेकिन इससे तमाम अन्य सवाल खड़े हो गए हैं. सबसे बड़ा सवाल मूल्यांकन प्रक्रिया को लेकर पैदा हो गया है. जानिए सोशल मीडिया से लेकर तमाम मंचों पर छात्र, अभिभावक, शिक्षक या कोचिंग संस्थानों की ओर से क्या सवाल पैदा किए जा रहे हैं. अगर इंटरनेट एसेसमेंट के लिए नया फार्मूला तय होता है तो क्या सभी पक्ष उस पर सहमत होंगे. छात्रों का कहना है कि अभी उनका तनाव खत्म नहीं हुआ है. सीबीएसई का एसेसमेंट फार्मूला (CBSE Assessment Formula) सामने आने के बाद ही पता चलेगा कि उन्हें फायदा होगा या नुकसान होगा?
- सीबीएसई परीक्षा रद्द (CBSE-ICSE 12th Class Exams canceled) होने के बाद मूल्यांकन मार्क्स देने की मूल्यांकन प्रक्रिया क्या होगी. क्या इंटरनल एसेसमेंट, प्रैक्टिकल या किसी एवरेज मार्किंग के आधार पर कोई फार्मूला तय किया जाएगा. यह भी कहा जा रहा है कि इंटरनल एसेसमेंट के फार्मूले से कोई संतुष्ट न हो तो उसे परीक्षा में बैठने का मौका भविष्य में दिया जाएगा. इससे क्या कॉलेज-यूनिवर्सिटी या प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए देरी नहीं होगी. फिल्पलर्न की एमडी दिव्या लाल ने कहा कि हमें देश या विदेश में बच्चों की कॉलेज या यूनिवर्सिटी के दाखिले का भी ध्यान रखना होगा.
- सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि अगर सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड के एग्जाम रद्द हो गए हैं तो राज्यों में 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं का फैसला किस आधार लिया जा रहा है. क्या यूपी, बंगाल समेत राज्यों के बोर्ड एग्जाम में छात्रों के स्वास्थ्य पर कोरोना का खतरा नहीं होगा क्या. (UP Board) यूपी बोर्ड ने 12वीं क्लास की परीक्षाएं जुलाई के दूसरे हफ्ते में कराने का संकेत दिया है. बंगाल में परीक्षाओं की तिथि घोषित कर दी गई है.
- सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड अगर 9-10-11 कक्षाओं के ग्रेड के आधार पर 12वीं क्लास के मार्क्स तय किए जाएंगे. हर कक्षा के लिए अलग-अलग वेटेज तय किया जा सकता है. क्या प्रैक्टिकल के नंबर भी जोड़े जाएंगे. सवाल उठता है कि अगर 10वीं क्लास में किसी छात्र के अंक किसी वजह से कम आए हैं तो उसे इस प्रक्रिया का नुकसान नहीं होगा? माइलस्टोन और लर्नफ्लिक्स के डिजिटल हेड विनय शर्मा ने कहा कि मानकों को तय करते समय ध्यान रखा जाए कि बच्चों का आगे का करियर प्रभावित न हो.
- सीबीएसई प्री बोर्ड एग्जाम (Pre Board Exam) के आधार पर भी मूल्यांकन का फार्मूला सुझा सकता है, लेकिन क्या सभी छात्र इस विकल्प पर सहमत होंगे.कई छात्रों का कहना है कि क्या ऑनलाइन परीक्षाएं (Online Exam) आयोजित कराके बेहतर परिणाम हासिल किया जा सकता था. ऐसे छात्र इंटरनेट एसेसमेंट को वैज्ञानिक नहीं मानते.
- आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया के आधार पर नंबर दिए जाते हैं और कुछ छात्र परीक्षाएं में बैठते हैं तो उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज-यूनिवर्सिटी (College-University Cut off) में प्रवेश की प्रक्रिया क्या होगा. कॉलेज किस आधार पर कटऑफ तय करेंगे. क्या कॉलेज-यूनिवर्सिटी प्रवेश के लिए कोई ऑनलाइन इंट्रेस टेस्ट (Online Entrance Test) कराएंगे?
- कई शिक्षाविदों ने सवाल उठाया है कि औसत मार्किंग के आधार अगर हर सब्जेक्ट के नंबर दिए जाएंगे तो आईआईटी-जेईई (IIT-JEE) या नीट (NEET) जैसे मेडिकल एग्जाम के लिए कैसे पर्सेंटाइल तय किया जाएगा. 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर पैमाना तय करने वाली अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में मेधावी परीक्षार्थियों के साथ क्या अन्याय नहीं होगा?
- तमाम राज्यों में शिक्षकों, कर्मचारी वर्ग की नियुक्तियों के लिए 12वीं कक्षा के अंकों का वेटेज (Weitage) दिया जाता है. ट्विटर पर कई छात्रों का कहना है कि इससे मेधावी परीक्षार्थियों के साथ अन्याय होगा और परीक्षाओं के जरिये मिलने वाली उनकी बढ़त खत्म हो जाएगी.
- सीबीएसई की 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने के लिए छात्र और शिक्षक संघ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. क्या गारंटी है कि इंटरनल एसेसमेंट(CBSE Internal Assessment) , प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्किंग या कॉलेज-यूनिवर्सिटी के लिए कटऑफ को लेकर कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाएंगे. इससे क्या तमाम कानूनी याचिकाओं का नया पिटारा नहीं खुल जाएगा?
- CBSE-ICSE के तमाम छात्रों का कहना है कि विदेश में पढ़ाई के लिए ऐसे एसेसमेंट प्रासेस की मान्यता होगी या नहीं, यह सवाल है. दूसरे देशों के प्रतिष्ठित कॉलेज, विश्वविद्यालय में उन्हें एडमिशन मिलना मुश्किल हो जाएगा. उन्हें ऐसी पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन (Education Loan) मिलना भी मुश्किल हो सकता है.
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