सीबीआई की अदालत ने अपहरण के मामले में अतीक, उसके बेटे को क्लिन चिट देने से किया इंकार

जायसवाल को अतीक अहमद की उपस्थिति में जेल में पीटा गया था और बाद में उनको अपनी चार कंपनियों से इस्तीफा देने और संपत्ति आरोपियों के नाम करने के लिए मजबूर किया गया था.

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(फाइल फोटो)
लखनऊ:

केन्‍द्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को एक प्रॉपर्टी डीलर से रंगदारी मांगने, मारपीट करने और अपहरण करने के मामले में माफिया पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके बेटे उमर अहमद की आरोप मुक्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका खारिज कर दी है.

सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने सोमवार को यह निर्णय दिया. अदालत ने अतीक और अन्य आरोपियों पर आरोप तय करने के लिए सात अप्रैल को तलब किया है. अदालत ने सीबीआई को आदेश दिया है कि वह जेल में बंद सभी आरोपियों को व्यक्तिगत अथवा वीडियो कॉन्फ़्रेंस के जरिए नियत तिथि पर अदालत में पेश करे.

आरोपियों पर 2018 में लखनऊ के एक व्यवसायी मोहित जायसवाल को अगवा करके देवरिया जेल में ले जाकर मारपीट करने और अपहरण का मामला दर्ज किया गया था. जायसवाल को अतीक अहमद की उपस्थिति में जेल में पीटा गया था और बाद में उनको अपनी चार कंपनियों से इस्तीफा देने और संपत्ति आरोपियों के नाम करने के लिए मजबूर किया गया था.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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