1,200 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी में दिल्ली की कंपनी के खिलाफ केस, आरोपी देश से "फरार"

आशंका जताई जा रही है कि आरोपी देश छोड़कर फरार हो गए होंगे. सूत्रों के मुताबिक, जब बुधवार को सीबीआई ने तलाशी अभियान चलाया तो कंपनी के निदेशकों का पता नहीं लग सका है. 

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सीबीआई ने धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली:

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने 12 बैंकों से 1,200 करोड़ रुपये की बैंक कर्ज धोखाधड़ी (Bank Loan Fraud) के मामले में दिल्ली की एक कंपनी अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ भ्रष्टाचार (Corruption) और धोखाधड़ी (Cheating) का केस दर्ज किया है. हालांकि, आशंका जताई जा रही है कि आरोपी देश छोड़कर फरार हो गए होंगे. सूत्रों के मुताबिक, जब बुधवार को सीबीआई ने तलाशी अभियान चलाया तो कंपनी के निदेशकों का पता नहीं लग सका है. 

सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई आरोपियों के प्रत्यर्पण के लिए आवश्यक कदम उठा रही है. राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने दिल्ली की अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है. एक कर्जदाता ने दिवाला प्रक्रिया के लिए एनसीएलटी का रुख किया था. 

इस मामले में परिसमापक नियुक्त किए गए आकाश सिंघल ने एनडीटीवी को बताया कि कंपनी के निदेशक प्रकिया में सहयोग नहीं कर रहे हैं और वे कहां और किधर हैं, इसके बारे में भी पता नहीं है. आरोपियों की पहचान करन ए चरना, उसकी पत्नी अनिता, अपर्णा पुरी, राजेश अरोड़ा और जवाहर कपूर के रूप में हुई है. कैनरा बैंक की अगुवाई में 12 बैंकों के कंसोर्टियम ने 2018 में आरोपियों के खिलाफ ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) का रुख किया था. 

सीबीआई की शिकायत के मुताबिक, अमीरा प्योर फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने कैनरा बैंक से 197 करोड़ रुपये, बैंक ऑफ बड़ौदा से 180 करोड़ , पंजाब नेशनल बैंक से 260 करोड़, बैंक ऑफ इंडिया से 147 करोड़, भारतीय स्टेट बैंक से 112 करोड़, येस बैंक से 99 करोड़, आईसीआईसीआई बैंक से 75 करोड़, इंडियन ओवरसीज बैंक से 64 करोड़, आईडीबीआई से 47 करोड़ और विजया बैंक से 22 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. 

कंपनी की स्थापना 1993 में हुई थी और वह उच्च गुणवत्ता वाले बासमती चावल और अन्य कृषि उत्पादों का निर्यात करती है. 

बैंक की फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में यह बता सामने आई है कि कंपनी ने शेल कंपनियों के साथ 734 करोड़ रुपये का लेनदेन किया है. शिकायत में यह भी कहा गया है कि कंपनी ने 2015 से 2018 के दौरान विदेशी करेंसी में भी लेनदेन किया है.  

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