Cash for Query: "कोई सबूत नहीं...": TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने अनुराग ठाकुर के तीखे हमले पर किया पलटवार

Cash For Query Row: टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उनके खिलाफ दायर शिकायत के संबंध में 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है.

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Cash For Query: महुआ मोइत्रा को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर शिकायत के संबंध में 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

लोकसभा में पैसे लेकर सवाल करने के मामले (Cash For Query) में बीजेपी  नेताओं और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) के बीच विवाद और जुबानी जंग जारी है. इस बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने केंद्रीय मंत्री निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया है. महुआ मोइत्रा ने कहा कि बीजेपी के पास इस बात का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं है.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महुआ मोइत्रा ने लिखा, पहले बीजेपी ने कहा ''कैश फॉर क्वेश्चन''.. यह विफल हो गया क्योंकि फर्जी आरोप को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं था. अब यह "राष्ट्रीय सुरक्षा" है.

अनुराग ठाकुर ने बयान पर महुआ मोइत्रा का पलटवार
महुआ मोइत्रा का यह बयान अनुराग ठाकुर द्वारा टीएमसी सांसद पर तीखा हमला करने के बाद आया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है और इसकी जांच और उचित कार्रवाई शीघ्र की जानी चाहिए.

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महुआ मोइत्रा 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के समक्ष होंगी पेश
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उनके खिलाफ दायर शिकायत के संबंध में 2 नवंबर को एथिक्स कमेटी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है. हालांकि इससे पहले महुआ मोइत्रा ने 5 नवंबर तक का वक्त मांगा था.

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बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के लगाए ये आरोप
बता दें कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के बीच टकराव तब शुरू हुआ जब निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर  महुआ मोइत्रा के खिलाफ  पैसे के बदले सवाल करने के आरोप लगाए. उन्होंने  महुआ मोइत्रा के खिलाफ एक जांच समिति की मांग की. उन्होंने सदन से तत्काल महुआ मोइत्रा को निलंबित करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया कि संसद में प्रश्न पूछने के लिए महुआ मोइत्रा ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत ली थी.

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इसके साथ ही निशिकांत दुबे ने एक पोस्ट में कहा कि किसी अन्य व्यक्ति के साथ संसदीय पोर्टल लॉगइन साझा करना सरकारी निकाय एनआईसी के साथ करार का उल्लंघन है और यह सुरक्षा जोखिम है.

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