Apple द्वारा "राज्य-प्रायोजित हैकर्स" को लेकर iPhone यूजर्स को नोटिफिकेशन भेजने के मामले में केंद्र सरकार कंपनी को समन किए जाने पर विचार कर रही है. इस मामले के सामने आने के बाद आईटी मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थाई समिति में विपक्षी सांसद इस मुद्दे को उठाने की तैयारी में हैं. अब इस मामले को लेकर समिति की अगली बैठक को बुलाने पर भी विचार किया जा रहा है.
बता दें कि कुछ दिन पहले Apple ने भारत में विपक्षी सांसदों सहित कुछ कस्टमर्स को "राज्य-प्रायोजित हैकर्स" को लेकर चेतावनी जारी की थी. एप्पल ने कहा था कि कुछ लोग आपके फोन के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं. लेकिन इससे पहले ही सरकार ने भी एप्पल के कई उत्पादों में कई खामियां मिलने की बात कही थी. इसे लेकर उच्च गंभीरता श्रेणी की रेटिंग भी जारी की गई. सरकार ने उस दौरान कंपनी के उत्पादों में "कई खामी" होने की बात करते हुए हाई सेवेरिटी रेटिंग भी जारी की थी.
कुछ दिन पहले ऐसी बात सामने आई थी कि एप्पल के अलग-अलग प्रोडक्ट में कई तरह की खामियां देखने को मिल रही हैं. जिस वजह से हैकर्स इन प्रोडक्ट्स को अपना शिकार बना सकते हैं. और अगर ऐसा होता है तो वो आपके अति संवेदनशील जानकारियों को चुराकर उसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इन कमजोरियों को ठीक करने के लिए जो एडवाइजरी जारी की गई है वो नौ ऐप्पल सॉफ़्टवेयर अपडेट से जुड़ी हैं.
मैसेज भेजकर हैकिंग की आई बात
इन नेताओं ने दावा किया था कि खुद एप्पल कंपनी ( Apple iPhone) ने मैसेज भेजकर हैकिंग (Phone Hacking) की कोशिश की जानकारी उनके साथ साझा की है. इस बीच आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने एक लंबे पोस्ट में कहा कि उन्हें 'एप्पल की तरफ से नोटिफिकेशन मिला है, जिसमें उनके फोन पर संभावित सरकार-प्रायोजित स्पाइवेयर हमले के बारे में चेतावनी दी गई है. चड्ढा ने कहा था कि ''जासूसी'' आम चुनाव से महज कुछ महीने पहले हो रही है. इसे विपक्ष पर व्यापक हमलों के अंतर्गत रखा जाना चाहिए.
एप्पल ने दिया था ये जवाब
हालांकि, एप्पल की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि हम किसी विशेष राज्य प्रायोजित हैकर की बात नहीं कर सकते. ये संभव है कि एप्पल की कुछ सूचनाएं झूठी चेतावनी हो सकती हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय में भी तीन लोगों को इसी तरह के संदेश मिले हैं. वहीं, सरकारी सूत्रों ने कहा है कि अधिकारी इन संदेशों से वाकिफ थे.