महाराष्ट्र पुलिस ने अमरावती जिले में दो दिन पहले महात्मा गांधी पर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर शनिवार को दक्षिणपंथी कार्यकर्ता संभाजी भिड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया है. शिव प्रतिष्ठान के संभाजी भिडे के खिलाफ राजापेठ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A के तहत एफआईआर दर्ज किया है. एक दिन पहले ही कांग्रेस ने इस मामले को विधानसभा में उठाया था.
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अमरावती में विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि भिड़े के खिलाफ राजद्रोह का आरोप भी लगाया जाए, वहीं प्रदर्शनकारियों ने यवतमाल में हिंदुत्व नेता के बैनर फाड़ दिए.
कांग्रेस का आरोप है कि श्री शिव प्रतिष्ठान हिंदुस्तान संगठन के संस्थापक भिड़े ने गुरुवार को अमरावती जिले के बडनेरा रोड इलाके में भारत मंगल हॉल में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपिता के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की. भिड़े ने कहा था कि मोहनदास करमचंद गांधी के पिता मुस्लिम जमींदार थे.
पार्टी के प्रदेश सचिव नंदकिशोर कुयाते ने यहां राजापेठ थाने में भिडे़ के खिलाफ शिकायत दी और उनके खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की.
महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने महात्मा गांधी पर टिप्पणी करने को लेकर भिड़े के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की शुक्रवार को मांग की थी.
पूर्व मंत्री थोराट ने कहा, "संभाजी भिड़े की मानसिकता विकृत है. राष्ट्रपिता के बारे में उनकी टिप्पणियों ने देश को आहत किया है. वह बार-बार विवादास्पद टिप्पणियां करते हैं और यह पता लगाने की जरूरत है कि राजनीतिक हितों के लिए उनका समर्थन कौन कर रहा है. हम उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं."
कांग्रेस विधायक ने बिना नाम लिए दावा किया कि एक 'मशीनरी' प्रगतिशील विचारधारा को खत्म करने के लिए काम कर रही है.
थोराट के सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह पहली बार नहीं है, जब भिड़े ने विवादास्पद बयान दिया हो. चव्हाण ने धारा 153 समेत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के संबंधित प्रावधानों के तहत भिड़े की गिरफ्तारी की मांग की.
चव्हाण ने विधानसभा में कहा, 'अगर कोई व्यक्ति महात्मा गांधी के बारे में अपमानजनक बयान दे रहा है, तो उसे राज्य में स्वतंत्र रूप से घूमने का कोई अधिकार नहीं है.'
इस बीच, पार्टी विधायक यशोमति ठाकुर और पूर्व मंत्री सुनील देशमुख के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को अमरावती शहर के राजकमल चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया. ठाकुर ने मांग की कि भिड़े के खिलाफ भी राजद्रोह का आरोप लगाया जाए और उन्हें गिरफ्तार किया जाए.
कांग्रेस और कुछ आंबेडकरवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने यवतमाल शहर में विरोध प्रदर्शन किया और भिड़े के बैनर फाड़ दिए, जो वहां व्याख्यान देने और अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने आए थे. इससे पहले भी भिड़े को उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है.