- नागपुर में लोकनीति-सीएसडीएस से जुड़े चुनाव विश्लेषक संजय कुमार के खिलाफ गलत सूचना फैलाने पर एफआईआर दर्ज की गई.
- संजय कुमार ने महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के लिए सार्वजनिक माफी मांगी थी.
- उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनावों के मतदाता आंकड़ों की तुलना में गलती स्वीकार करते हुए ट्वीट को हटा दिया था.
महाराष्ट्र के नागपुर में 'गलत सूचना' फैलाने और चुनाव संबंधी उल्लंघनों के आरोप में लोकनीति-सीएसडीएस से जुड़े एक चुनाव विश्लेषक संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से जुड़े उनके विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट के लिए बीएनएस की धारा 175, 353(1)(बी), 212 और 340(1)(2) सहित कई धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की गई है. संजय कुमार के खिलाफ नासिक के सरकारवाड़ा पुलिस स्टेशन में भी वोटों में धांधली का झूठा आरोप लगाने का मामला दर्ज हुआ है.
संजय ने हटाईं थी ट्वीट
यह शिकायत चुनाव विश्लेषक द्वारा महाराष्ट्र चुनावों पर अपने पोस्ट के लिए माफी मांगने के कुछ दिनों बाद आई है. इसमें दावा किया गया था कि कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव की तुलना में दो विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है. लोकनीति-सीएसडीएस के सह-निदेशक ने एक्स पर लिखा, 'महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट के लिए मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं. 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय गलती हुई. पंक्ति में डेटा हमारी डेटा टीम द्वारा गलत पढ़ा गया था. ट्वीट को बाद में हटा दिया गया है. मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था.'
क्या था संजय का दावा
महाराष्ट्र चुनावों पर अपने अब हटाए गए पोस्ट में, संजय कुमार ने दावा किया था कि विधानसभा क्षेत्र 59 (रामटेक) में, 2024 में मतदाताओं की संख्या लोकसभा चुनावों में 4,66,203 और विधानसभा चुनावों में 2,86,931 थी, जिसमें 'मतदाताओं में -38.45 प्रशित की कमी' का दावा किया गया था. अपने दूसरे दावे में, कुमार ने कहा था कि विधानसभा क्षेत्र (देवलाली) में, लोकसभा में मतदाताओं की संख्या 4,56,072 थी, और CSDS की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच मतदाताओं की संख्या में 2 लाख 86931 की कमी आई. आरोप लगाया गया कि मतदाताओं की संख्या में इस तरह 36.82 प्रतिशत की कमी आई.