- हवाई हादसों में एअर इंडिया के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल की मौत हुई. कैप्टन के पिता ने बेटे को अंतिम विदाई दी.
- जयपुर में लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान ने पति कैप्टन राजवीर सिंह चौहान को अंतिम विदाई दी.
- केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राजवीर सिंह चौहान सहित सात की मौत हुई थी.
देश में पिछले हफ्ते हुए दो हवाई हादसों ने सैकड़ों परिवारों को हमेशा के लिए तोड़ दिया. पहले अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान के हादसे में 271 लोगों की जान चली गई. इसमें से एक थे विमान के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल जिनके पिता आज पूरी तरह से अकेले हो गए हैं. कैप्टन सुमित के पिता, पुष्करराज ने जब मुंबई के पवई स्थित अपने आवास के बाहर अपने बेटे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, तो पूरे देश का कलेजा मूंह को आ गया. उम्र के इस मोड़ पर अकेले हुए एक पिता के सामने उसके बेटे का पार्थिव शरीर था. उन्होंने हाथ जोड़ रखा था लेकिन हर कोशिश के बावजूद वो अपने आप को रोने से नहीं रोक पाए.
लगभग ठीक उसी समय जयपुर में लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान अपने पति लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान (रिटायर्ड) को आसूंओं के साथ आखिरी विदाई दे रही थीं. राजवीर सिंह 15 जून को उत्तराखंड के केदारनाथ में दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के पायलट थे.
बेटे को आखिरी विदाई देते कैप्टन सभरवाल के पिता का वीडियो रुला रहा
अहमदाबाद में पिछले सप्ताह दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया के विमान के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के पार्थिव शरीर को मुंबई में आखिरी विदाई देते समय उनके पिता रोने लगे. अपने बेटे के पार्थिव शरीर के सामने हाथ जोड़े पिता का वीडियो मजबूत से मजबूत इंसान को रुला सकता है.
इससे पहले एक अधिकारी ने बताया कि सभरवाल के पार्थिव शरीर को एक ताबूत में रखकर विमान से सुबह मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचाया गया. इसके बाद उनके परिवार के सदस्य शव को पवई के जल वायु विहार स्थित उनके आवास पर ले जाया गया. उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए एक घंटे तक घर पर रखा गया और बाद में उनका अंतिम संस्कार चकला विद्युत शवदाह गृह में गया.
विमान के एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार एक यात्री को छोड़कर बाकी सभी की मौत हो गई, जबकि मेडिकल कॉलेज परिसर में मौजूद अन्य 29 लोगों की भी मौत हो गई. इस विमान की कमान कैप्टन सभरवाल और उनके सहयोगी फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर संभाल रहे थे. डीजीसीए ने पहले एक बयान में बताया था कि सभरवाल के पास 8,200 घंटे उड़ान का अनुभव था, जबकि कुंदर के पास 1,100 घंटे उड़ान का अनुभव था.
चार महीने पहले ही हुए थे जुड़वा बच्चे, अब लेफ्टिनेंट कर्नल पत्नी अकेले रह गई
उत्तराखंड में रविवार को केदारनाथ में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले जयपुर निवासी पायलट राजवीर सिंह चौहान 15 साल से अधिक समय तक भारतीय सेना में सेवारत रहे और उन्हें विभिन्न भूभागों में उड़ान मिशन का व्यापक अनुभव था. केदारनाथ के पास रविवार को निजी कंपनी का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और पायलट चौहान समेत सात लोगों की मौत हो गई.
वह रविवार सुबह उत्तराखंड के गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हुए बेल 407 हेलीकॉप्टर के कैप्टन थे। इस दुर्घटना में उनके अलावा छह और लोगों की मौत हो गई. राजवीर सिंह की पत्नी दीपिका चौहान भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. अपने पति के पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई देते हुए दीपिका फफक कर रोने लगीं. दुख की बात यह है कि उन्होंने चार महीने पहले ही जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था.
राजवीर सिंह चौहान के ‘लिंक्डइन' प्रोफाइल के अनुसार भारतीय सेना में काम करने के कारण उन्हें विभिन्न इलाकों में उड़ान मिशन, हवाई संचालन की देखरेख का व्यापक अनुभव था और वह विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर तथा उनके रखरखाव में प्रशिक्षित थे. उनके निधन की खबर मिलते ही चौहान के रिश्तेदार और मित्र परिवार को सांत्वना देने के लिए शास्त्री नगर स्थित उनके आवास पर पहुंचने लगे थे. राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हादसे पर शोक जताया है.