किसान प्रदर्शन से आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
रात्रि विश्राम के बाद किसान दिल्ली कूच करने की जुगत में लगे हैं. पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है. देखा जाए तो दिल्ली को सुरक्षित बनाने के लिए बॉर्डर को सील किए गए हैं, दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है. किसानों के दिल्ली चलो मार्च का आज दूसरा दिन है. प्रदर्शनकारियों को काबू में रखने के लिए पुलिस ने किसानों पर सुबह से ही आंसू गैस के गोले दागने शुरु कर दिए हैं. प्रदर्शन और सुरक्षा के बीच दिल्ली की जनता सड़कों पर फंस गई है. लंबे जाम होने के कारण लोगों को घंटों रोड पर इंतज़ार करना पड़ रहा है.
- दिल्ली के कालिंदी कुंज में नोएडा से आ रही गाड़ियों को ट्रैफिक का सामना कर पड़ रहा है. लोगों का कहना है कि उन्हें इस ट्रैफिक में घंटे बिताने पड़ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से रोज यहां ट्रैफिक का सामना करना पड़ रहा है. बाइक चालक फुटपाथ पर बाइक चला कर ट्रैफिक पार करने की कोशिश कर रहे हैं.
- सिंधु बार्डर का हाइवे बंद कर दिया गया है. आज किसानों के मूवमेंट को देखते हुए आसपास के गांवों की ओर जाने वाले रास्तों को भी बंद किया जा रहा है.
- सिंधु बार्डर के बंद होने से कोंडली और राई इंडस्ट्रियल इलाके में काम करने वाले करीब 50 हजार से ज्यादा मजदूरों को कई किमी पैदल जाकर काम पर जाना पड़ रहा है. कोंडली और राई औद्योगिक क्षेत्र में करीब 5 हजार से ज्यादा छोटी बड़ी फैक्ट्रियां है,
- दिल्ली के सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर भीषण जाम लगा. किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश और दिल्ली के बीच यूपी गेट के पास एक दीवार बनाई गई है. इसके ऊपर बाड़बंदी की गई है.
- किसानों के ‘दिल्ली चलो' मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर बहुस्तरीय अवरोधक, कंक्रीट के अवरोधक, लोहे की कीलों और कंटेनर की दीवारें लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
- किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, ''हम जो कह रहे हैं वह कोई नई मांग नहीं है. यह सरकार द्वारा हमारे प्रति एक प्रतिबद्धता थी. हमने बार-बार उन प्रतिबद्धताओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया था, लेकिन सरकार ने आज तक कोई गंभीरता नहीं दिखाई.''
- मंगलवार को 2020-21 के विरोध प्रदर्शन का फ्लैशबैक देखने को मिला जब किसानों को पंजाब-हरियाणा सीमा पार करने से रोकने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया था.
- किसानों का कहना है कि वे लंबी यात्रा के लिए तैयार हैं और उनके पास दिल्ली पहुंचने के लिए पर्याप्त डीजल और छह महीने तक का राशन है. एक किसान ने एनडीटीवी से कहा कि वे तब तक वापस नहीं लौटेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, भले ही इसमें कई महीने लग जाएं.
- किसान मांगों की एक सूची को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने तीन प्रमुख मांगों को छोड़कर उनकी अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिया है - एमएसपी पर एक कानून, कृषि ऋण माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करना.
- सरकार ने मंगलवार को किसान नेताओं से मिलने को कहा था, मगर किसान पक्ष का कहना है कि सरकार समय की बर्बादी कर रही है. मांगों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है.
- NDTV से खास बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है. उन्होंने किसान नेताओं से आग्रह किया कि वो बातचीत के लिए आएं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की मांगें बढ़ती जा रही हैं. उन्होंने प्रदर्शनकारियों से भी कहा कि आगजनी और हिंसा नहीं करें.
- पुलिस ने कंक्रीट ब्लॉकों और टायर डिफ्लेटर के साथ सीमाओं पर बैरिकेडिंग करके दिल्ली की किलेबंदी कर दी है.
- पंजाब-हरियाणा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को अरविंद केजरीवाल सरकार का साथ मिला है. आंदोलन करने दिल्ली आ रहे किसानों को लेकर केजरीवाल सरकार ने कहा कि किसानों की मांगें जायज हैं और उन्हें जेल में डालना गलत है. इतना ही नहीं, किसान आंदोलन पर दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार के बवाना स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया.
- पूरी दिल्ली में एक महीने के लिए सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और सीमा पार वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. पुलिस सभी वाहनों की जांच भी कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदर्शनकारी शहर में प्रवेश कर सकें.
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Featured Video Of The Day
Mahakumbh Traffic Jam: Weekend पर श्रद्धालुओं का सैलाब, शहर के भीतर भी कई जगह भारी जाम