गुजरात की सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस के नीलेश कुम्भणी की उम्मीदवारी तीन प्रस्तावकों के यह दावा करने के बाद खतरे में पड़ गई है कि उन्होंने उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. प्रस्तावकों ने जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) को दिए हलफनामे में यह दावा किया है. डीईओ सौरभ पारधी ने शनिवार को कुम्भणी से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा और उनके नामांकन पत्र पर कोई फैसला लेने से पूर्व उन्हें रविवार सुबह 11 बजे तक का समय दिया है.
संयोग से, सूरत से ही कांग्रेस के स्थानापन्न उम्मीदवार सुरेश पडसाला के एकमात्र प्रस्तावक ने भी नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर करने की बात से इनकार कर दिया है, जिसके बाद गुजरात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्तिसिंह गोहिल ने आरोप लगाया कि यह विपक्षी दल को चुनाव मैदान से बाहर करने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक हरकत है.
शनिवार शाम को डीईओ के समक्ष पक्ष रखने के दौरान कुम्भणी और पडसाला ने अंतिम आदेश पारित किए जाने से पहले रविवार तक का समय मांगा.
कांग्रेस प्रवक्ता नैशाद देसाई ने कहा, “मुख्य उम्मीदवार (कुम्भणी) और स्थानापन्न प्रत्याशी (पडसाला) के प्रस्तावकों ने कागजात पर हस्ताक्षर करने से इनकार किया है. अंतिम आदेश पारित होने से पहले हमें पूर्वाह्न 11 बजे तक का समय दिया गया है और पार्टी विस्तृत दलील पेश करेगी.”
कुम्भणी ने कहा कि उनके प्रस्तावक रमेश पोलारा, जगदीश सावलिया और धुविन धमेलिया से फिलहाल संपर्क नहीं हो पा रहा है, लेकिन उन्होंने विश्वास जताया कि वह जल्द ही उनसे संपर्क कर सकेंगे.
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इटालिया ने आरोप लगाया कि कुम्भणी के प्रस्तावकों का भाजपा ने अपहरण कर लिया है. इटालिया ने दावा किया, “उन पर दबाव डाला गया कि वे हलफनामा दायर करके यह दावा करें कि उन्होंने नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.” इटालिया ने बताया कि उनके अपहरण की शिकायत पुलिस को दे दी गई है और डीईओ को भी इसकी जानकारी दे दी गई है.
कांग्रेस और आप गुजरात में गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने 26 में से 24 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि ‘आप' भावनगर और भरूच से चुनाव लड़ रही है.